इंदौर।एमपी में आखिरी चरण की वोटिंग में गिने-चुने दिन बचे हैं. इस चरण में इंदौर लोकसभा के लिए भी वोट डाले जाने हैं. कांग्रेस प्रत्याशी के नाम वापस लेने के बाद बीजेपी जहां यहां से जीत का रिकॉर्ड बनाने की तैयारी में जुटी है वहीं कांग्रेस नोटा पर बटन दबाने की अपील लोगों से कर रही है. बीजेपी के कद्दावर नेता और मालवा में विधानसभा चुनाव में अपना जादू दिखाने वाले कैलाश विजयवर्गीय का कहना है कि इंदौर नकारात्मक नहीं सकारात्मक सोच के साथ चलने वाले लोगों का शहर है. ऐसे ही कुछ खास मुद्दों पर ईटीवी भारत ने उनसे बातचीत की.
'खूब खाओ, खूब एक्सरसाइज करो और खूब काम करो'
एमपी की राजनीति के चमकते सितारे कैलाश विजयवर्गीय किसी न किसी बात को लेकर हमेशा से सुर्खियों में बने रहते हैं. कभी अपने बयानों को लेकर तो कभी चुनावी सियासत को लेकर. ईटीवी भारत एमपी की ब्यूरो हैड जब उनसे चर्चा के लिए पहुंची तो महफिल सजी थी, जश्न मनाया जा रहा था, लजीज पकवानों की दावत चल रही थी, मालूम पड़ा कि उनकी शादी की सालगिरह है. बस फिर क्या था उनसे पूछ लिया कि लोगों को कैसे स्वस्थ और निरोगी रहना है तो उनका जवाब था कि "खूब खाओ और खूब एक्सरसाइज करो और खूब काम करो. अच्छा खाएंगे तो अच्छा शरीर बनेगा, मेहनत करेंगे और अच्छा काम कर पाएंगे."
चुनावी सियासत में आरोपों की झड़ी लगने के सवाल पर उनका जवाब भी उतना ही बेबाक था. उन्होंने कहा कि कोई कैसा भी आरोप लगाए, सवाल ये है कि उस आरोप में सत्यता कितनी है, लोग आरोप लगाने वालों को ही मूर्ख बोलते हैं.
'इंदौर सकारात्मक लोगों का शहर है'
कांग्रेस प्रत्याशी अक्षयकांति बम के नाम वापिसी के बाद कांग्रेस यहां नोटा के लिए कैंपेन चला रही है. ऐसे में इंदौर कैलाश विजयवर्गीय की होम पिच है और जब उनसे पूछा कि इसे आप किस रूप में देखते हैं तो उनका जवाब था कि "फ्रस्ट्रेट लोग होते हैं वे हमेशा नकारात्मक काम करते हैं और नकारात्मक प्रचार करते हैं लेकिन इंदौर सकारात्मक लोगों का शहर है. ये शहर सारे देश को प्रेरणा देता है, सफाई के मामले में 7 साल से नंबर एक है, ये सकारात्मकता है. खानपान में देखें तो इंदौर देश में अव्वल है. यहां हर चेहरा हंसता हुआ मिलेगा और हर आदमी यहां मस्त रहता है. ये हंसते हुए चेहरे वाला शहर है और नकारात्मक बात के साथ ये शहर कभी नहीं जाता."
'कांतिलाल 70 साल के हो गए'
हाल ही में कांतिलाल भूरिया के दो बीबी होने पर दो लाख रुपये मिलने के बयान पर कैलाश विजयवर्गीय ने तंज कसते हुए कहा कि "कांतिलाल भूरिया 70 साल के हो गए हैं. हमारे पूर्वज कहते थे कि बच्चे और बूढ़े एक समान होते हैं ऐसे में उनकी बात को गंभीरता से नहीं लेना चाहिए."