रांची: सीजीएल परीक्षा को लेकर विवाद शांत नहीं हो रहा है. जेएसएससी ने छात्रों द्वारा पेश किए गए साक्ष्यों और तर्कों को मानने से इनकार कर दिया. इसके बाद छात्र फिर से आंदोलन पर बैठ गए. हालांकि, प्रशासन के अधिकारियों के समझाने के बाद सोमवार की रात को छात्रों ने आंदोलन वापस ले लिया. हालांकि, छात्रों ने चेतावनी दी है कि जब तक यह विवाद खत्म नहीं होता, तब तक आयोग परीक्षा का रिजल्ट जारी न करें, नहीं तो और भी बड़ा आंदोलन होगा.
परीक्षा रद्द करने की मांग खारिज
बता दें कि झारखंड कर्मचारी चयन आयोग कार्यालय का घेराव करने राज्यभर से आए छात्र रात तक वहीं डेरा जमाए रहे. इससे पहले पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार छात्रों का एक प्रतिनिधिमंडल प्रश्नपत्र लीक से संबंधित साक्ष्य के साथ आयोग कार्यालय पहुंचा. राज्यपाल के निर्देश पर जेएसएससी सचिव के नेतृत्व में गठित जांच टीम के समक्ष छात्रों ने अपनी बातें रखीं. इस दौरान आयोग कार्यालय में सचिव सुधीर कुमार गुप्ता, परीक्षा नियंत्रक अरविंद लाल ने अभ्यर्थियों को समझाने का भरसक प्रयास किया. छात्रों के साथ एक घंटे से अधिक समय तक बातचीत चलती रही. अभ्यर्थियों के तर्कों से आयोग संतुष्ट नहीं हुआ और अंतत: छात्रों की परीक्षा रद्द करने की मांग को खारिज कर दिया.
गौरतलब है कि राजभवन सचिवालय से पत्र मिलने के बाद इस परीक्षा को लेकर जेएसएससी द्वारा सचिव सुधीर कुमार गुप्ता के नेतृत्व में तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की गई है. इस टीम में आयोग के सचिव के अलावा दो अन्य पदाधिकारी सदस्य हैं, जिसमें परीक्षा नियंत्रक अरविंद कुमार लाल और संयुक्त सचिव मधुमिता कुमारी का नाम शामिल है. जांच कमेटी ने 06 छात्रों को नोटिस भेजकर 30 सितंबर को अपराह्न तीन बजे आयोग कार्यालय में बुलाया था, ताकि वे 26 सितंबर को छात्रों को सौंपे गए शिकायत पत्र का साक्ष्य प्रस्तुत कर सकें.
आंदोलन लिया गया वापस