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जेपीसी की बैठक में हंगामा, मुस्लिम संगठनों ने किया वक्फ संशोधन का विरोध - JPC MEETING

JPC meeting muslim organisations opposed waqf amendment: वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर जेपीसी की बैठक में जोरदार हंगामा हुआ. इसमें मुस्लिम संगठनों ने वक्फ संशोधन का विरोध किया. इस दौरान सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों के सांसदों के बीच तीखी बहस हुई. पढ़ें ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता अनामिका रत्ना की रिपोर्ट...

JPC second meeting
जेपीसी की बैठक (प्रतीकात्मक फोटो) (IANS)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 31, 2024, 6:53 AM IST

नई दिल्ली:वक्फ ( संशोधन) विधेयक को लेकर शुक्रवार को हुई संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की बैठक में हंगामा हुआ. बैठक में भाजपा और विपक्ष के सांसदों के बीच जोरदार और तीखी बहस हुई. केजरीवाल के जेल में होने से लेकर जिन्ना, अफगानिस्तान और अखंड भारत तक का जिक्र बैठक में हुआ. विपक्षी सांसदों ने सरकार के रवैये से नाराज होकर बैठक का बहिष्कार भी किया. वहीं, मुस्लिम संगठनों ने इसे उनके धार्मिक मामलों में हस्तक्षेत बताते हुए बिल का विरोध किया. जेपीसी की अगली बैठक अब अगले महीने 5 और 6 सितंबर को बुलाई गई है.

सूत्रों की मानें तो बैठक में भाजपा के सांसदों ने विपक्षी दलों के सांसदों पर नहीं बोलने देने का आरोप लगाया जबकि विपक्ष की तरफ से भाजपा पर मनमानी करने का आरोप लगाया गया. भाजपा सांसद दिलीप सैकिया और आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह के बीच बैठक में तीखी बहस भी हुई.

संजय सिंह ने भाजपा पर मनमानी का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा को लोकतंत्र से कोई मतलब नहीं है. वह सिर्फ सत्ता हथियाने में लगी है. दिल्ली में उपराज्यपाल चुनी हुई सरकार को कमजोर कर रहे हैं. उन्हें गिरफ्तार कर 6 महीने जेल में रखा लेकिन कुछ भी साबित नहीं कर पाई. दिल्ली के मुख्यमंत्री को बिना किसी सबूत के जेल में रखा हुआ है.

विपक्ष और भाजपा के सांसदों के बीच बिल में कलेक्टर को दिए गए अधिकार को लेकर भी बहस हुई. कई विपक्षी सांसदों ने कहा कि भाजपा मनमानी कर रही है.लोकतांत्रिक प्रक्रिया और नियमों का पालन नहीं कर रही है. यहां तक कि विपक्ष के सांसदों पर व्यक्तिगत टिप्पणी भी कर रही है.

जेपीसी की बैठक में असदुद्दीन ओवैसी और अभिजीत गंगोपाध्याय के बीच भी तीखी बहस हुई. मुस्लिम संगठन की तरफ से पेश हुए एक वकील को सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा दोबारा बोलने से रोके जाने का विरोध करते हुए विपक्ष ने थोड़ी देर के लिए बैठक से वाकआउट भी किया. इमरान मसूद, एम मोहम्मद अब्दुल्ला, अरविंद सांवत और ए राजा बैठक से निकल गए.

असदुद्दीन ओवैसी ने भी वाकआउट कर दिया. हालांकि, थोड़ी देर बाद ही ये फिर से बैठक में वापस आ गए. जेपीसी की बैठक में जब इस बिल के फायदे गिनाए जा रहे थे तो गलती से आगाखानी की बजाय अफगानी शब्द निकल गया. इस पर मजाकिया टोन में विपक्षी सांसदों ने यह पूछा कि यह बिल भारत के लिए है या अखण्ड भारत के लिए है.

ऑल इंडिया सुन्नी जमीयत-ए-उलेमा ने जेपीसी की बैठक में बिल का विरोध किया. सुन्नी जमीयत-ए-उलेमा के प्रतिनिधि ने कहा कि उन्हें वक्फ में संशोधन मंजूर नहीं है. वक्फ मुसलमानों का मामला है और सरकार इसमें दखल देना चाह रही है. इंडियन मुस्लिम्स फॉर सिविल राइट्स ने भी जेपीसी की बैठक में बिल का विरोध किया. इंडियन मुस्लिम्स फॉर सिविल राइट्स के अध्यक्ष मोहम्मद अदीब जो पहले सांसद भी रह चुके हैं उन्होंने सरकार पर मुसलमानों के धार्मिक मामलों में दखलंदाजी करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि यह बिल अपने आप में पूरी तरह से अवैध है.

ये भी पढ़ें- वक्फ संशोधन विधेयक पर जेपीसी की पहली बैठक 22 अगस्त को होगी

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