नई दिल्ली: वन नेशन-वन इलेक्शन के लिए संशोधन बिल पर जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) की तीसरी बैठक मंगलवार को कमिटी के अध्यक्ष पीपी चौधरी की अध्यक्षता में हुई. बैठक में पूर्व चीफ जस्टिस उदय उमेश ललित, लॉ कमीशन के पूर्व अध्यक्ष ऋतुराज अवस्थी समेत 4 लॉ एक्सपर्ट्स ने कमेटी के सामने सुझाव दिए.
अब तक कमेटी की दो बैठकें हो चुकी हैं. इस बिल पर कानून मंत्रालय ने संसद की संयुक्त समिति को बताया है कि, लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने से लोकतंत्र कमजोर नहीं होगा. ना ही संघीय ढांचे को नुकसान पहुंचेगा. समिति इस समय 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' से जुड़े विधेयकों पर विचार कर रही है.
कानून मंत्रालय ने संसदीय समिति को बताया है कि एक साथ चुनाव कराने से राजनीति में नए चेहरों के लिए रास्ते भी खुलेंगे वन नेशन वन इलेक्शन पर बनाई गई ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी के सामने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश यू यू ललित ने भी कई बातें रखीं. सूत्रों की माने तो उन्होंने कहा कि इसे चरणबद्ध तरीके से रखा जाए ताकि जो समस्या आए उसका आसानी से हल निकाला जा सके.
सूत्रों की माने तो यू यू ललित ने कहा कि बिल के 82A अमेंडमेंट में may की जगह shall कर देना चाहिए ताकि आगे इसमें कोई बदलाव ना किया जा सके. उन्होंने इस बिल की खामियों को दूर करने की बात कही. उन्होंने कहा कि, खामियों को दूर करने के बाद ही इसे लागू किया जाना संभव हो पाएगा. सूत्रों की माने तो उन्होंने ये भी कहा कि, विधानसभा का कार्यकाल को छोटा करना एक ऐसा विषय है जिसे हल करने की आवश्यकता है वरना इसको कानूनी चैलेंज किया जा सकता है.