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धार्मिक के साथ ऐतिहासिक महत्व को समेटे है झारखंड का पहला चर्च, गोथिक शैली में 1855 में हुआ था निर्माण - RANCHI GEL CHURCH

झारखंड का पहला चर्च है रांची के मेन रोड स्थित जीईएल चर्च. इसका निर्माण 1855 में हुआ था.

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ग्राफिक्स डिजाइन (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Dec 24, 2024, 2:19 PM IST

रांची: राजधानी रांची के महात्मा गांधी मार्ग (मेन रोड) स्थित GEL चर्च झारखंड का पहला गिरजाघर है. 1855 में बना यह चर्च वर्तमान समय में भी राज्य के श्रेष्ठ चर्च में से एक है. गोथिक शैली में बने इस चर्च की खूबसूरती आज भी इसे अपने आप में खास बनाती है.

तोप के गोले का इतिहास

इस विशाल चर्च का निर्माण फादर गोस्सनर ने करवाया था. उस वक्त लगभग 13 हजार रुपये की राशि से इस चर्च का निर्माण हुआ था. जर्मनी से 1845 ई. में धर्म प्रचार के लिए के पहुंचे कुछ पादरियों ने 1851ई. में इस चर्च की नींव रखी थी. 1857 के विद्रोह के वक्त चर्च को तोड़ने के लिए चार गोले दागे गए थे. चर्च को तोड़ने की मंशा से दागे गए गोले का निशान आज भी चर्च के पश्चिमी दरवाजे पर देखा जा सकता है.

संवाददाता उपेंद्र कुमार की रिपोर्ट (ETV BHARAT)

क्या है वास्तु कला की गोथिक शैली

इस क्षेत्र का प्रथम गिरजाघर जिस शैली में बना है, उसे गोथिक शैली कहा जाता है. चर्च का पूरा डिजाइन जर्मन वास्तुकला का अद्भुत नमूना है. मध्ययुगीन यूरोप में वास्तुकला की एक शैली गोथिक है, जिसका संबंध फ्रांस और जर्मनी से माना जाता है.

ग्राफिक्स डिजाइन (ETV BHARAT)

जोरों पर क्रिसमस की तैयारियां

ईसा मसीह के जन्म उत्सव के तौर पर क्रिसमस मनाया जाता है, जिसकी तैयारी जोरों पर चल रही है. हर साल क्रिसमस के दौरान विशेष मिस्सा प्रार्थना सभा का आयोजन किया जाता है. यहां होने वाली प्रार्थना के मूल में होता है कि प्रभु ईसा मसीह के जन्म का एकमात्र उद्देश्य, जो मानव जीवन से पाप और बुराई की मुक्ति था.

वर्ष 1915 में प्रथम विश्व युद्ध के दौरान जर्मन को वापस अपने देश जाना पड़ा. इसके बाद इस चर्च की जिम्मेदारी छोटानागपुर के बिशप डॉ फोस्स वेस्टकॉट को दे दिया गया था. उस समय से लेकर आज तक करीब 30 फादर इस चर्च के प्रमुख बन चुके हैं.

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