रांची: राजधानी रांची के महात्मा गांधी मार्ग (मेन रोड) स्थित GEL चर्च झारखंड का पहला गिरजाघर है. 1855 में बना यह चर्च वर्तमान समय में भी राज्य के श्रेष्ठ चर्च में से एक है. गोथिक शैली में बने इस चर्च की खूबसूरती आज भी इसे अपने आप में खास बनाती है.
तोप के गोले का इतिहास
इस विशाल चर्च का निर्माण फादर गोस्सनर ने करवाया था. उस वक्त लगभग 13 हजार रुपये की राशि से इस चर्च का निर्माण हुआ था. जर्मनी से 1845 ई. में धर्म प्रचार के लिए के पहुंचे कुछ पादरियों ने 1851ई. में इस चर्च की नींव रखी थी. 1857 के विद्रोह के वक्त चर्च को तोड़ने के लिए चार गोले दागे गए थे. चर्च को तोड़ने की मंशा से दागे गए गोले का निशान आज भी चर्च के पश्चिमी दरवाजे पर देखा जा सकता है.
क्या है वास्तु कला की गोथिक शैली
इस क्षेत्र का प्रथम गिरजाघर जिस शैली में बना है, उसे गोथिक शैली कहा जाता है. चर्च का पूरा डिजाइन जर्मन वास्तुकला का अद्भुत नमूना है. मध्ययुगीन यूरोप में वास्तुकला की एक शैली गोथिक है, जिसका संबंध फ्रांस और जर्मनी से माना जाता है.