हैदराबाद:झारखंड की राजनीति में सियासी घमासान का केंद्र रांची से हटकर तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद बन गया है. हैदराबाद में महागठबंधन विधायकों की रिसॉर्ट पॉलिटिक्स चल रही है, जो 3 फरवरी को भी जारी रही. रांची से हैदराबाद तक महागठबंधन की पूरी राजनीति 5 तारीख को होने वाले चंपई सोरेन सरकार के फ्लोर टेस्ट पर टिकी है. इसे लेकर लियोनिया रिजॉर्ट में रोके गए विधायकों की सुरक्षा व्यवस्था बेहद सख्त कर दी गई है. न तो विधायक किसी से बात कर सकते हैं और न ही कोई विधायकों से मिल सकता है. किसी भी तरह की आवाजाही पर पूरी तरह से प्रतिबंध है और पूरे रिसॉर्ट को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है.
एक तरफ जहां विधायकों के रुकने से रिसॉर्ट में दिनभर सियासी गहमागहमी बनी रही. अफवाहों का दौर भी चलता रहा और बदलता रहा. दोपहर में चर्चा थी कि शायद सभी विधायक हैदराबाद में कहीं घूमने बाहर जाएंगे. दोपहर तीन बजे तक बाहर मौजूद लोगों के बीच इस बात को लेकर काफी चर्चा होती रही. इस बात पर भी चर्चा हुई कि विधायक कहां जा सकते हैं. लेकिन शुरू ही हुआ था कि यह मामला पूरी तरह खत्म हो गया और यह साफ हो गया कि विधायक कहीं नहीं जायेंगे.
विधायकों से मिलने पहुंचे तेलंगाना के मंत्री:रिसॉर्ट पॉलिटिक्स का हाल जानने के लिए तेलंगाना सरकार के परिवहन मंत्री अनम प्रभाकर शाम करीब 5:00 बजे रिसॉर्ट पहुंचे और माना जा रहा है कि वह देर रात तक वहीं रुकेंगे. हालांकि, इस बीच यह भी चर्चा शुरू हो गई कि मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने विधायकों को भोज के लिए निमंत्रण भेजा है और सभी 35 विधायक भोज के लिए रेवंत रेड्डी के मुख्यमंत्री आवास पर जाएंगे. इस सूचना के कुछ ही देर बाद खबर आई कि विधायक सीएम आवास नहीं जाएंगे, रेवंत रेड्डी ही रिसॉर्ट आएंगे और उनके साथ भोजन करेंगे. इस बात को तब और बल मिला जब डॉग स्क्वायड रिसॉर्ट पहुंचा. ऐसा लग रहा था कि सीएम रेवंत आने वाले हैं. लेकिन बाद में यह भी साफ हो गया कि विधायकों का मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के साथ कोई डाइनिंग प्रोग्राम नहीं है.
4 की शाम को विधायक लौटेंगे रांची:अब जो जानकारी सामने आ रही है उसके मुताबिक सभी विधायक 4 तारीख की शाम को रांची लौटेंगे. झारखंड में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि 4 तारीख की शाम को रांची लौटने के बाद सभी विधायकों को सर्किट हाउस में रोका जाएगा. अगर किसी वजह से 5 तारीख को फ्लाइट पकड़ने में दिक्कत आती है या ऐसी कोई स्थिति बनती है, जिसके कारण हैदराबाद से विधायक रांची नहीं पहुंच पाते हैं, तो मामला बहुमत साबित करने के दिन अटक सकता है. ऐसे में कोई गलती न हो जाए, इसलिए सरकार किसी तरह का जोखिम नहीं ले सकती. इसे देखते हुए सभी विधायकों को 4 तारीख की शाम को रांची भेजा जाएगा. इस संबंध में कई लोगों से संपर्क करने का प्रयास किया गया. झारखंड मुक्ति मोर्चा के एक नेता ने कहा कि इस बात की चर्चा तो हुई है लेकिन क्या पुख्ता है, यह तय नहीं है, क्योंकि पार्टी के वरिष्ठ नेता हाई लेवल पर इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं, इसलिए इस बात को पुख्ता तौर पर नहीं कहा जा सकता है. इसे लेकर निर्णय आलाकमान को लेना है.