पटना: दूसरे चरण का लोकसभा चुनाव को लेकर तमाम दलों के प्रत्याशी मैदान में हैं जदयू की अग्नि परीक्षा होने वाली है. सभी पांच सीटों पर जदयू के उम्मीदवार खड़े हैं. पप्पू यादव, जावेद इकबाल, अजीत शर्मा और तारीक अनवर के भाग्य का फैसला होना है. दूसरे चरण का चुनाव जनता दल यूनाइटेड के लिए खास मायने रखते हैं. जनता दल यूनाइटेड दूसरे चरण में सभी पांचों सीटों पर चुनाव लड़ रही है.
जेडीयू की अग्निपरीक्षा: इस चरण में भाजपा के एक भी उम्मीदवार नहीं हैं. जदयू के समक्ष चुनौती अपने जीते हुए चार सीटों को बचाने की है. किशनगंज को छोड़ बाकी की चार लोकसभा सीटों पर जदयू के सांसद हैं. दूसरे चरण में जदयू के मजबूत गढ़ सीमांचल में लोकसभा चुनाव होने हैं. जदयू के पास फिलहाल भागलपुर, बांका, पूर्णिया और कटिहार लोकसभा सीट है. चारों सीटों पर पार्टी ने उम्मीदवार नहीं बदले हैं. वर्तमान सांसद को ही टिकट दी गई है.
दूसरे चरण में 50 प्रत्याशी ठोंक रहे ताल : दूसरे चरण में कुल 50 प्रत्याशी मैदान में है. जिसमें तीन महिला हैं. इस बार पूर्णिया लोकसभा सीट हॉट सीट बन गयी है. महागठबंधन और एनडीए के समक्ष निर्दलीय उम्मीदवार पप्पू यादव चुनौती बनकर खड़े हैं. पप्पू यादव की मौजूदगी ने मुकाबले को त्रिकोणात्मक बना दिया है. पूर्णिया लोकसभा सीट पर इस बार सात उम्मीदवार मैदान में हैं. जिसमें एक महिला है.
पूर्णिया लोकसभा का हाल: 2024 के चुनाव में जदयू की ओर से सांसद संतोष कुशवाहा को मैदान में उतर गया है. संतोष कुशवाहा पिछले लोकसभा चुनाव में 263000 वोटो से जीते थे. पूर्णिया में 6 विधानसभा सीट है. पूर्णिया और कोढ़ा विधानसभा पर भाजपा का कब्जा है तो रुपौली और धमदाहा विधानसभा जदयू के खाते में है. कस्बा और बनबनकी सीट पर कांग्रेस के विधायक हैं. इस तरह से 6 में से चार विधानसभा सीट पर एनडीए का कब्जा है तो दो महागठबंधन के पास है.
पूर्णिया में फ्रेंडली फाइट: संतोष कुशवाहा तीसरी बार जीत हासिल करने की जुगत में है. तो जदयू से बगावत करने वाली विधायक बीमा भारती को राष्ट्रीय जनता दल ने मैदान में उतारा है. पप्पू यादव पूर्णिया सीट से चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस में शामिल हुए थे. अपनी पार्टी का विलय भी किया था, लेकिन राष्ट्रीय जनता दल ने कांग्रेस के लिए पूर्णिया सीट नहीं छोड़ी और पप्पू यादव ने बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला लिया. एक तरीके से पूर्णिया सीट पर राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस के बीच फ्रेंडली फाइट है.
पूर्णिया का समीकरण: पप्पू यादव पूर्णिया सीट पर तीन बार सांसद रह चुके हैं. पप्पू यादव ने जीत का दावा किया है पप्पू यादव ने कहा है कि पूर्णिया की जनता का समर्थन हमारे साथ है और लोकसभा चुनाव में हमारी जीत होगी. पूर्णिया लोकसभा सीट मुस्लिम डोमिनेंट माना जाता है. तकरीबन 4 लाख के आसपास मुस्लिम आबादी है. दूसरे स्थान पर दलित और आदिवासी हैं, जिनकी तादाद 5 लाख 50 हज़ार के आसपास है. यादव डेढ़ लाख और अति पिछड़ा डेढ़ लाख के आसपास हैं. तो वहीं, ब्राह्मण और राजपूत 125000 के आसपास हैं.
कटिहार लोकसभा का हाल: कटिहार लोकसभा सीट पर भी सबकी नज़रें टिकी हैं. इस बार जदयू के टिकट पर दो बार सांसद रहे दुलालचंद गोस्वामी से कांग्रेस नेता तारिक अनवर का मुकाबला है. कटिहार लोकसभा सीट पर कुल 9 उम्मीदवारों ने नामांकन किया है. पिछले लोकसभा चुनाव में दुलालचंद गोस्वामी और तारिक अनवर में कड़ा मुकाबला हुआ था और जदयू नेता दुलालचंद गोस्वामी 57000 वोटों से चुनाव जीते थे.
विधानसभा वार कटिहार की स्थिति : आपको बता दें कि कटिहार लोकसभा क्षेत्र में 6 विधानसभा सीट है, जिसमें कि कटिहार और प्राणपुर पर भाजपा का कब्जा है. कदवा और मनिहारी कांग्रेस के खाते में है. बरारी सीट जदयू के पास है, तो बलरामपुर सीट पर माले का कब्जा है. इस तरह से 6 में से तीन विधानसभा पर एनडीए और तीन पर महागठबंधन का कब्जा है. इस लिहाज से भी कटिहार लोकसभा सीट पर कड़ा मुकाबला है.
कटिहार में दुलालचंद Vs तारिक अनवर : तारिक अनवर भी कटिहार लोकसभा सीट पर सांसद रह चुके हैं. अगर जातीय समीकरण की बात कर ले तो कटिहार लोकसभा सीट पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा है. कटिहार लोकसभा क्षेत्र में लगभग 41% मुस्लिम वोटर, 18% पिछड़ा, अति पिछड़ा वोटर 16%, वैश्य 11%, यादव 6%, अनुसूचित जाति जनजाति और सामान्य वर्ग के 8% वोटर हैं.
किशनगंज लोकसभा सीट का हाल: किशनगंज लोकसभा सीट पर भी पूरे देश की निगाहें टिकी रहती है. असदुद्दीन ओवैसी के लिए किशनगंज लोकसभा सीट प्रतिष्ठा का विषय है. असदुद्दीन ओवैसी ने सबसे पहले किशनगंज सीट पर अपने उम्मीदवार का ऐलान किया था. AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इमान किशनगंज से चुनाव लड़ रहे हैं. किशनगंज लोकसभा सीट महागठबंधन का मजबूत किला माना जाता है. किशनगंज में महागठबंधन के पांच विधायक हैं. राष्ट्रीय जनता दल के खाते में बहादुरगंज, ठाकुरगंज, कोचाधामन और बायसी है. सिर्फ अमौर AIMIM के पास है.
किशनगंज लोकसभा का हाल: एनडीए गठबंधन के पास एक भी विधानसभा सीट नहीं है. ऐसे में जदयू ने इस बार कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद से मुकाबले के लिए मास्टर मुजाहिद आलम को मैदान में उतारा है. पिछले लोकसभा चुनाव में मोहम्मद जावेद 34466 वोटों से चुनाव जीते थे. कांग्रेस पार्टी ने 2009, 2014 और 2019 में जीतकर हैट्रिक लगाया है.
आबादी के अनुसार किशनगंज : किशनगंज सीट जम्मू कश्मीर के बाद दूसरी सर्वाधिक मुस्लिम आबादी वाली सीट मानी जाती है. किशनगंज लोकसभा क्षेत्र में 65% वोटर मुस्लिम हैं, जबकि 32 प्रतिशत आबादी हिंदू वोटर की है. क्योंकि किशनगंज सीट पर तीनों उम्मीदवार मुस्लिम हैं और त्रिकोणात्मक मुकाबले के आसार हैं. ऐसे में हिंदू वोटर निर्णायक साबित होते हैं.
किशनगंज में त्रिकोणीय मुकाबला : किशनगंज सीट पर असदुद्दीन ओवैसी के खास अख्तरुल इमान चुनाव लड़ रहे हैं. वहां त्रिकोणीय लड़ाई की संभावना है. बांका लोकसभा सीट पर गिरधारी यादव और जयप्रकाश यादव के बीच मुकाबला है. जयप्रकाश यादव को लालू प्रसाद यादव का करीबी माना जाता है. वो सांसद भी रहे हैं लेकिन अब वह क्षेत्र में कम समय देते हैं. इस वजह से गिरधारी यादव बढ़त ले सकते हैं.
भागलपुर लोकसभा का हाल: भागलपुर लोकसभा सीट भी आकर्षण का केंद्र है. इस बार कांग्रेस पार्टी की ओर से पार्टी के वरिष्ठ नेता अजीत शर्मा को उम्मीदवार बनाया गया है. अजीत शर्मा का मुकाबला दो बार के सांसद रहे जदयू नेता अजय मंडल से है. भागलपुर लोकसभा सीट पर कुल 12 उम्मीदवार मैदान में है जिसमें एक महिला हैं. पिछले लोकसभा चुनाव में जदयू सांसद अजय मंडल 276725 से अधिक वोटों से जीते थे. अजय मंडल ने राष्ट्रीय जनता दल नेता बूलो मंडल को बड़े मतों के अंतर से हराया था.
भागलपुर में विधानससभावार स्थिति : भागलपुर लोकसभा क्षेत्र में गंगौता की आबादी सबसे अधिक मानी जाती है. भागलपुर लोकसभा सीट से भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन भी दो बार सांसद रह चुके हैं. भागलपुर लोकसभा क्षेत्र में 5 विधानसभा क्षेत्र हैं गोपालपुर और पीरपैंती पर जहां जदयू का कब्जा है, वहीं कहलगांव भाजपा के खाते में है. भागलपुर सीट कांग्रेस और नाथनगर सीट राजद के पास है. इस तरह से तीन सीट पर एनडीए का कब्जा है तो दो सीट महागठबंधन के खाते में है.
भागलपुर का जातीय समीकरण :जातीय समीकरण की अगर बात कर लें तो भागलपुर लोकसभा क्षेत्र में मुस्लिम और यादव डोमिनेंट माना जाता है. मुस्लिम आबादी तकरीबन 3.30 लाख है तो यादव भी 3 लाख के आसपास हैं. इसके अलावा गंगौता 2 लाख, वैश्य मतदाता डेढ़ लाख और सवर्ण ढाई लाख के आसपास हैं. भागलपुर लोकसभा क्षेत्र में कोरी कुर्मी की आबादी भी डेढ़ लाख के आसपास है.
बांका लोकसभा सीट का हाल : बांका लोकसभा सीट पर लालू के हनुमान की अग्नि परीक्षा है. राष्ट्रीय जनता दल ने एक बार फिर पूर्व केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश यादव को मैदान में उतारा है. जयप्रकाश यादव का मुकाबला जदयू सांसद गिरधारी यादव से है. 2019 के लोकसभा चुनाव में गिरधारी यादव ने जयप्रकाश यादव को 2 लाख से अधिक वोटों से हराया था. 2024 के लोकसभा चुनाव में बांका लोकसभा सीट पर 10 उम्मीदवार चुनाव के मैदान में है एक भी महिला उम्मीदवार ने नामांकन नहीं किया है.
बांका में विधानसभा वार स्थिति : बांका लोकसभा क्षेत्र में 6 विधानसभा सीट हैं. इनमें धोरैया, बेलहर, बांका, अमरपुर, कटोरिया और सुल्तानगंज है. बांका लोकसभा क्षेत्र में 3 लाख के आसपास यादव जाति की आबादी है. इसके अलावा ब्राह्मण राजपूत और भूमिहार वोटर लगभग 3.50 लाख के आसपास हैं. मुस्लिम आबादी 2 लाख के करीब है. इसके अलावा महादलित कुर्मी कोइरी समाज के वोटर भी दो से ढाई लाख के आसपास हैं.
क्या कहता है आरजेडी: राष्ट्रीय जनता दल प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा है कि''दूसरे चरण में हम दो सीटों पर लड़ रहे हैं. लेकिन हमारे सहयोगी दल तीन सीटों पर लड़ रहे हैं. हम सभी पांचो सीट जीतने में कामयाब होंगे. राजद नेता ने कहा कि हम तेजस्वी यादव के 17 महीने के कार्यकाल के बदौलत जनता के बीच जा रहे हैं. जनता उस पर मोहर लगाएगी.''
चुनावों पर जेडीयू का दावा : जदयू प्रवक्ता मनोरंजन गिरी ने कहा है कि इस बार पांचों सीटों पर हमारी जीत होगी. पिछली बार किशनगंज सीट हमारे हाथ से फिसल गई थी, लेकिन इस बार हम किशनगंज सीट भी जीतेंगे. डबल इंजन की सरकार की उपलब्धियां की बदौलत हम दूसरे चरण में सभी पांचों सीट पर जीत हासिल करेंगे. वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक प्रवीण बागी ने कहा है कि पूर्णिया इस बार हॉट सीट है. पप्पू यादव के साथ सहानुभूति है और वह आगे चल रहे हैं. बीमा भारती पिछड़ती हुई दिख रही हैं.
''पूर्णिया सीट पर जदयू और पप्पू के बीच मुकाबला होगा. इसके अलावा कटिहार सीट पर दुलालचंद गोस्वामी और तारिक अनवर के बीच मुकाबला है. दुलालचंद गोस्वामी सर्व सुलभ हैं और लोगों से मिलते जुलते रहते हैं. जबकि तारिक अनवर यदा कदा क्षेत्र आते हैं. दोनों के बीच आमने-सामने का मुकाबला है.''- मनोरंंजन गिरी, प्रवक्ता, जेडीयू