पटना : जनता दल यूनाइटेड की ओर से वन नेशन वन इलेक्शन के लिए गठित हाई लेबल कमेटी को जेडीयू ने अपना मेमोरेंडम दिया है. जेडीयू ने वन नेशन वन इलेक्शन का समर्थन करते हुए अपना अधिपत्र कमेटी को सौंपा है. गौरतलब है कि जेडीयू नेता संजय झा और जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने पार्टी की ओर से अपने अधिपत्र (मेमोरेंडम) पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को सौंपा है.
वन नेशन वन इलेक्शन को जेडीयू का समर्थन, केंद्र गठित हाईलेवल कमेटी को JDU ने सौंपा मेमोरेंडम
जनता दल यूनाइटेड की ओर से वन नेशन वन इलेक्शन के लिए गठित हाई लेबल कमेटी को जेडीयू ने अपना मेमोरेंडम दिया है. जेडीयू ने वन नेशन वन इलेक्शन का समर्थन करते हुए अपना अधिपत्र कमेटी को सौंपा है.
Published : Feb 17, 2024, 6:47 PM IST
|Updated : Feb 17, 2024, 7:11 PM IST
''2 सितंबर, 2023 की राजपत्र अधिसूचना संख्या 211 पर सावधानीपूर्वक विचार करने और समिति के गठन के महत्व को समझने के बाद, मैं एक राष्ट्र एक चुनाव पर हमारी पार्टी के विचारों को योगदान देने के लिए दिए गए अवसर की सराहना करता हूं. जद(यू) और उसके नेता नीतीश कुमार ने 2018 में भारत के विधि आयोग द्वारा आमंत्रित सुझावों के जवाब में एक साथ चुनाव की नीति को अपना समर्थन दिया था. वर्तमान प्रस्तुतियां एक साथ चुनावों के लिए पूर्ववर्ती समर्थन के अनुरूप हैं. जदयू का मानना है कि सुशासन की संरचना को मजबूत करने के लिए एक साथ चुनाव महत्वपूर्ण हैं.'' - जेडीयू का मेमोरेंडम
सहमति के बाद 2029 से होगा लागू : पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद इस हाई लेवल कमेटी के अध्यक्ष हैं. ये प्रस्ताव से सभी अगर सहमति हुए तो 2029 से लागू हो जाएगा. यही नहीं इसके लिए दिसंबर 2026 से 15 राज्यों के विधानसभा में चुनाव भी कराए जाएंगे. इसके लिए कुछ विधानसभाओं के कार्यकाल को 6 महीने के लिए बढ़ाना भी पड़ सकता है जो कि 2029 तक हो जाएगा. इस टाइमलाइन के बाद देश में एक साथ विधानसभा और लोकसभा के चुनाव हो सकेंगे.