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पहाड़ की बेटी अमेरिका में लगाएगी दौड़, बोस्टन मैराथन में देश का प्रतिनिधित्व करेगी जयंती थपलियाल - जयंती थपलियाल

Jayanti Thapliyal Selected for Boston Marathon पहाड़ की बेटियां लगातार हर मुकाम को हासिल कर उत्तराखंड का नाम रोशन कर रही हैं. इसी कड़ी में पौडी की जयंती थपलियान ने बोस्टन मैराथन के लिए अपनी जगह बना ली है. अब वो अमेरिका में देश का प्रतिनिधित्व करेंगी. जयंती एक बेटे की मां भी है. जिसका बचपन मुफलिसी में गुजरा, लेकिन हौसला कभी नहीं डिगा.

Jayanti Thapliyal
जयंती थपलियाल

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 19, 2024, 1:00 PM IST

Updated : Feb 19, 2024, 2:32 PM IST

श्रीनगर (उत्तराखंड): पौड़ी जिले की जयंती थपलियाल ने अपने जिले का ही नहीं, बल्कि पूरे देश का नाम रोशन किया है. बचपन से ही अभावों में जीवन यापन करने वाली जयंती का बैंक ऑफ अमेरिका की ओर से आयोजित बोस्टन मैराथन की 128वीं दौड़ के लिए चयन हुआ है. अब जयंती अप्रैल महीने में आयोजित होने जा रही दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित 128वीं बोस्टन मैराथन में दौड़ लगाती नजर आएगी. इस मैराथन का आयोजन आगामी 15 अप्रैल को हो रहा है.

पिता की सैलरी कम होने से नहीं भर पाए थे कोच की फीस:बता दें कि जयंती थपलियाल का जन्म 1978 में उत्तराखंड के पौड़ी जिले में हुआ था. उनके पिता दिल्ली में क्लर्क के पद पर कार्यरत थे. 7 साल की उम्र में वो परिवार के साथ दिल्ली आ गई थीं. जयंती अपने तीन भाई बहन में से एक है. तीनों ही स्पोर्ट्स में रुचि रखते हैं. पिता की सैलरी इतनी नहीं थी कि वो अच्छे स्टेडियम में प्रैक्टिस करा सके और कोच की फीस भर पाए.

पौड़ी जिले की रहने वाली हैं जयंती थपलियाल

आर्थिक तंगी की वजह से बाहर के प्रतियोगिताओं में हिस्सा नहीं ले पाती थी जयंती:लिहाजा, पैसे के अभाव में जयंती दिल्ली से बाहर किसी प्रतियोगिता में भाग नहीं ले पाती थी, लेकिन इसके बावजूद जयंती कॉलोनी और स्कूल की प्रतियोगिताओं में भाग लेती रही. जहां से उसे जीत मिलती रही और हौसला अफजाई होता रहा. जयंती थपलियाल की मानें तो उनके भाई ही प्रेरणा स्रोत रहे हैं. जयंती ने 128वीं बोस्टन मैराथन में चयन होने पर खुशी जताई है.

आर्थिक तंगी को नहीं आने दिया आड़े

कई दिग्गज खिलाड़ियों के साथ खेलने का मिला मौका:जयंती थपलियाल ने 12 साल की उम्र में ही त्यागराज स्टेडियम जाना शुरू कर दिया था. साल 1993 में राष्ट्रीय स्कूल खेलों में हिस्सा लिया. साल 1994 में जूनियर नेशनल कैंप का हिस्सा रहीं. जबकि, साल 1996 में सीनियर इंटर स्टेट में पीटी ऊषा, केएम बीनामोल जैसी अंतरराष्ट्रीय दिग्गजों के साथ खेलने का मौका मिला. वहीं, साल 1999 में स्पोर्ट्स कोटे से जयंती ने डिफेंस सेक्टर में ज्वाइन किया.

जयंती थपलियाल ने दौड़ को बनाया करियर

एक बेटी की मां है जयंती थपलियाल:वहीं, जयंती रक्षा मंत्रालय में कार्य करती हैं. उनके पति भी नौकरी पेशा करते हैं. उनका एक बेटा भी है. जयंती थपलियाल 6 बार की एडीएचएम स्वर्ण पदक विजेता हैं. वेदांता हाफ मैराथन (जिसे पहले हच, डॉल्फिन और एयरटेल के नाम से जाना जाता था) में जयंती ने अपनी एज कैटेगरी में पहला स्थान प्राप्त किया था. वहीं, स्थानीय लोगों ने पहाड़ की बेटी की इस उपलब्धि पर खुशी जताई है.

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Last Updated : Feb 19, 2024, 2:32 PM IST

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