जम्मू-कश्मीर: अवैध विदेशी नागरिकों को निर्वासित करने के लिए पैनल का गठन - JK Illegal Foreign Nationals - JK ILLEGAL FOREIGN NATIONALS
Jammu Kashmir Deport Illegal Foreign Nationals: जम्मू- कश्मीर सरकार ने अवैध विदेशी नागरिकों को उसके देश भेजने को लेकर बड़ा कदम उठाया है. केंद्र शासित प्रदेश में सुरक्षा के लिहाज से यह कदम अहम है.
जम्मू और कश्मीर सरकार (प्रतिकात्मक फोटो) (ETV Bharat URDU AND J&K Desk)
श्रीनगर: जम्मू- कश्मीर प्रशासन ने 2011 से क्षेत्र में अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों की पहचान करने और उन्हें निर्वासित करने के लिए सात सदस्यीय समिति का गठन किया है. समिति इन प्रवासियों के बायोग्राफिक और बायोमेट्रिक विवरण एकत्र करेगी और उन्हें बनाए रखेगी. यह सुनिश्चित करते हुए कि जानकारी नियमित रूप से डिजिटल रिकॉर्ड में अपडेट की जाती है.
जम्मू- कश्मीर सरकार के गृह विभाग के प्रधान सचिव चंद्राकर भारती ने एक आदेश में कहा, '2011 से केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों की पहचान करने के लिए समिति के पुनर्गठन को मंजूरी दी गई.' पैनल की अध्यक्षता गृह विभाग के प्रशासनिक सचिव करेंगे. इसमें पंजाब के विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण अधिकारी, जम्मू और श्रीनगर मुख्यालय के आपराधिक जांच विभाग (विशेष शाखा), सभी जिला वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी), विदेशी पंजीकरण के लिए पुलिस अधीक्षक (एसपी) और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) के राज्य समन्वयक शामिल होंगे.
आदेश में समिति को प्रत्येक महीने की पांच तारीख तक केंद्रीय गृह मंत्रालय को मासिक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है. गृह विभाग ने पैनल को केंद्र शासित प्रदेश में अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों का पता लगाने और उन्हें निर्वासित करने से संबंधित प्रयासों का समन्वय और निगरानी करने का निर्देश दिया है. इसके अतिरिक्त, समिति इन प्रयासों की प्रगति की निगरानी करेगी और गृह विभाग को रिपोर्ट करेगी.
साथ ही अदालती मामलों की जानकारी प्रदान करेगी. इन मामलों की स्थिति के बारे में संबंधित एजेंसियों को भी अपडेट करेगी. नोडल अधिकारी बायोग्राफिक और बायोमेट्रिक डेटा के संग्रह की देखरेख करेगा. इसके साथ प्रगति रिपोर्ट एकत्र करेगा और अवैध प्रवासियों का एक अपडेटेड डिजिटल रिकॉर्ड बना कर रखेगा. 2021 में जम्मू और कश्मीर में एक पुलिस अभियान के परिणामस्वरूप म्यांमार से 270 से अधिक रोहिंग्या प्रवासियों को हिरासत में लिया गया, जिनमें 74 महिलाएं और 70 बच्चे शामिल थे. उन्हें कठुआ जिले के हीरानगर की एक उप-जेल में रखा गया था.