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JNU के प्रोफेसर मजहर आसिफ बने जामिया के नए कुलपति, देखें प्रोफाइल व प्रशासनिक अनुभव

Jamia New Vice Chancellor: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बृहस्पतिवार को मजहर आसिफ को जामिया मिल्लिया इस्लामिया का कुलपति नियुक्त किया है.

मजहर आसिफ बने जामिया के नए कुलपति
मजहर आसिफ बने जामिया के नए कुलपति (Etv Bharat)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 24, 2024, 5:29 PM IST

Updated : Oct 24, 2024, 9:50 PM IST

नई दिल्ली: लगभग एक साल के इंतजार के बाद जामिया मिल्लिया इस्लामिया को अपना नियमित कुलपति मिल गया. जामिया की विजिटर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विश्वविद्यालय के एक्ट में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जेएनयू के स्कूल ऑफ लैंग्वेज के प्रोफेसर मजहर आसिफ को नया कुलपति नियुक्त किया. प्रोफेसर आसिफ की नियुक्ति कार्यभार ग्रहण करने से 5 साल या 70 साल की उम्र सीमा पूरी करने तक होगी. प्रोफेसर आसिफ जेएनयू के ही पूर्व छात्र हैं. साथ ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की मसौदा समिति के भी सदस्य रहे हैं.

उल्लेखनीय है कि 12 नवंबर 2023 को जामिया की तत्कालीन कुलपति प्रो. नजमा अख्तर का कार्यकाल समाप्त होने के बाद से कुलपति का पद खाली था. प्रो. मोहम्मद शकील ने 22 मई, 2024 से नए वीसी की नियुक्ति तक जामिया के कार्यवाहक कुलपति के रूप में कार्यभार संभाला था. वे अभी तक कार्यवाहक कुलपति के रूप में कार्य कर रहे थे. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी नियुक्ति आदेश में लिखा है कि प्रोफेसर आसिफ की सेवा के नियम और शर्तें जामिया के मौजूदा अधिनियम, क़ानून और अध्यादेशों के तहत होंगी.

बता दें, जामिया के वाइस चांसलर के नामों को शॉर्टलिस्ट करने के लिए गठित सर्च कमेटी ने 31 जनवरी को अपनी पहली बैठक की थी. 15 फरवरी को एक और बैठक आयोजित हुई, जिसमें प्रोफेसर मज़हर को शॉर्टलिस्ट किया गया था. उनके नाम को सॉफ्टवेयर लिस्ट करके राष्ट्रपति के पास भेज दिया गया था. उसके बाद राष्ट्रपति द्वारा घोषणा का इंतजार किया जा रहा था.

गौरतलब है कि किसी विश्वविद्यालय के कुलपति को नियुक्त करने के लिए सामान्य तौर पर विजिटर (कुलाधिपति) द्वारा विधिवत गठित सर्च कम सेलेक्शन कमेटी द्वारा अनुशंसित तीन से पांच नामों के पैनल में से की जाती है. दिए गए पैनल से असंतुष्ट होने की स्थिति में विजिटर को नए नामों के सेट की मांग करने का अधिकार है, क्योंकि जामिया एक केंद्रीय विश्वविद्यालय है और सभी केंद्रीय विश्वविद्यालय के विजिटर राष्ट्रपति होते हैं.

जामिया के नए कुलपति का शैक्षणिक अनुभव:

  • असिस्टेंट प्रोफेसर: फ़ारसी विभाग, गुवाहाटी विश्वविद्यालय, गुवाहाटी (1996-2005)
  • एसोसिएट प्रोफेसर: फ़ारसी विभाग, गुवाहाटी विश्वविद्यालय, गुवाहाटी (2005-2013)
  • प्रोफेसर: फ़ारसी विभाग, गुवाहाटी विश्वविद्यालय, गुवाहाटी (2013-2017)
  • प्रोफेसर: फ़ारसी और मध्य एशियाई अध्ययन केंद्र, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली (2017 से अब तक)

प्रशासनिक अनुभव: 10 वर्ष

  • डीन: भाषा साहित्य एवं संस्कृति अध्ययन स्कूल, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली (2021-2023)
  • डीन: स्कूल ऑफ आर्ट्स एंड एथिक्स, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली (2018)
  • मुख्य सतर्कता अधिकारी, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली (2018-2021)
  • अध्यक्ष, क्षेत्रीय केंद्र सलाहकार समिति, गुवाहाटी, राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (2016-2019)
  • एसोसिएट डीन, भाषा साहित्य और संस्कृति अध्ययन स्कूल जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली (2019-2021)
  • अध्यक्ष, फ़ारसी और मध्य एशियाई अध्ययन केंद्र (एसएलएल एंड सीएस), जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली (2018-2022)
  • मुख्य समन्वयक भाषा विज्ञान सशक्तिकरण प्रकोष्ठ, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली (2018-2020)
  • अध्यक्ष, फ़ारसी विभाग, गुवाहाटी विश्वविद्यालय, गुवाहाटी (2014-2017)
  • सदस्य, NAAC पीयर टीम, बैंगलोर (2017 से अब तक)

जामिया के नए कुलपति का प्रोफाइल:बिहार में जन्मे जामिया के नवनियुक्त कुलपति प्रोफेसर मजहर आसिफ ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा बिहार स्कूल शिक्षा बोर्ड से ही प्राप्त की है. उन्होंने 1985 में 10वीं और 1987 में 12वीं की परीक्षा बिहार बोर्ड से प्रथम श्रेणी में पास की. उसके बाद वर्ष 1991 में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय दिल्ली से ही बीए ऑनर्स की डिग्री प्राप्त की. उसके बाद यहीं से वर्ष 1993 में कलाशंकर से एमए की परीक्षा पास की और विश्वविद्यालय टॉपर रहे. प्रोफेसर मजहर को 27 वर्ष का शैक्षणिक अनुभव है.

साथ ही प्रोफेसर के पद पर 10 साल से ज्यादा का अनुभव है. उन्हें लंबा प्रशासनिक अनुभव भी है. उन्हें भारतीय ज्ञान प्रणाली, सूफीवाद और रहस्यवाद विषय में विशेषज्ञता हासिल है. प्रोफेसर मजहर आसिफ कई विश्वविद्यालय की अकादमी परिषद के सदस्य, कोर्ट मेंबर सहित विभिन्न समितियां के सदस्य हैं. प्रोफेसर मजहर असमिया, भोजपुरी, अंग्रेजी, हिंदी, फारसी, उर्दू और वज्जिका भाषाओं के जानकार हैं. उन्होंने वर्ष 2002 में 20वीं सदी के प्रथम छमाही के दौरान भारत में फ़ारसी भाषा और साहित्य विषय में पीएचडी की है.

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Last Updated : Oct 24, 2024, 9:50 PM IST

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