नई दिल्ली: राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को उत्तर प्रदेश सरकार के उस निर्देश पर चर्चा की मांग करने वाले नोटिस खारिज कर दिए, जिसमें कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित दुकानों के मालिकों और कर्मचारियों को नाम प्रदर्शित करने के लिए कहा गया था. संसद के पहले मानसून सत्र में सात विपक्षी सदस्यों ने राज्यभर में कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित भोजनालयों पर योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली यूपी सरकार के दिए विवादास्पद आदेश का मुद्दा उठाया.
ये नोटिस संसदीय प्रक्रिया के नियम 267 के तहत दायर किए गए थे, जिसमें चर्चा के अन्य विषयों को अस्थायी रूप से स्थगित करने और नोटिस में उल्लिखित विषय को तत्काल बहस के लिए प्राथमिकता दी जाती है. हालांकि, उपराष्ट्रपति धनखड़ ने नोटिसों को नॉन- कंप्लेंट वाला पाया और उन्हें खारिज कर दिया.
प्रियंका चतुर्वेदी ने उठाया डिजिटल फ्रॉड का मुद्दा
बता दें कि संसद में यह मुद्दा अभी भी अनसुलझा है और राज्यसभा के अध्यक्ष ने सांसदों द्वारा पेश किए गए अन्य मुद्दों पर चर्चा की, जैसे कि सांसद प्रियंका चतुर्वेदी द्वारा उठाया गया डिजिटल फ्रॉड का मुद्दा. इस बीच धनखड़ ने सभी सदस्यों से डिजिटल प्रक्रिया का उपयोग शुरू करने और केवल आपातकालीन स्थिति में ही फिजिकल फाइलिंग सिस्टम पर विचार करने को कहा.