जबलपुर।एमपी में जबलपुर के गोहलपुर थाने के पास खमरिया गांव में एक अवैध रेत खदान में मिट्टी में दबने से तीन मजदूरों की मौत हो गई. जबकि तीन घायल हुए हैं. इस इलाके में बर्नु नाम की एक छोटी सी नदी है. जिसके किनारे बड़े पैमाने पर अवैध रेत उत्खनन होता है. यहीं एक अवैध खदान में यह हादसा हुआ. स्थानीय लोगों का कहना है कि 'प्रशासनिक अधिकारियों की मिली भगत से इन गैर कानूनी खदानों का संचालन होता है.'
नदी किनारे बने रेत के बड़े-बड़े टीले
जबलपुर के गोसलपुर के पास कटरा खमरिया गांव है. इस गांव में बर्नु नाम की एक नदी है. इसी नदी के किनारे मिट्टी के बड़े-बड़े टीले हैं. इन टीलों के नीचे रेत की खदानें होती हैं. इन खदानों से अवैध तरीके से रेत का उत्खनन किया जाता है. यह मिट्टी काफी कमजोर होती है और इसके गिरने का भी डर होता है, लेकिन इसके बावजूद जान जोखिम में डालकर लोग उनके नीचे से रेत निकलते हैं. यह काम पूरी तरह से गैरकानूनी है.
मिट्टी धंसने से तीन मजदूरों की मौत
5 जून की सुबह मुकेश मुन्नी बाई और राजकुमार भी ऐसी ही एक खदान से रेत निकालने के लिए गए थे. इन्हें एक रेत के ठेकेदार ने एक गैर कानूनी खदान में उतार दिया. यह लोग यहां मजदूरी करने आए थे, इन्हें बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि जिस टीले के नीचे में काम कर रहे हैं. वह टीला ऊपर से गिर जाएगा और यह उसमें दब जाएंगे. अचानक से ऊपर से टीला गिर गया और यह तीनों लोग उसमें दब गए. उस दौरान इस खदान में दूसरे लोग भी काम कर रहे थे. इनमें से तीन लोगों को बचा लिया गया है. जबकि तीन की मौत हो गई है. वहीं एक आदमी अभी भी लापता है.