इंदौर: मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय अपने बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में रहते हैं. एक बार फिर कैबिनेट मंत्री विजयवर्गीय ने बुधवार को शिवाजी महाराज की जयंती पर बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि आज अगर "शिवाजी नहीं होते तो मेरा नाम कैलाश नहीं कलीमुद्दीन होता."
कैलाश विजयवर्गीय का बड़ा बयान
दरअसल, देशभर में 19 फरवरी को छत्रपति शिवाजी की जयंती मनाई जा रही है. वहीं इंदौर में शिवाजी महाराज की जयंती पर बुधवार को सर्व मराठी संघ का आयोजन किया गया. जहां कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय बतौर अतिथि पहुंचे थे. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि "आज हिंदू धर्म जिंदा है, तो यह शिवाजी महाराज की देन है. उन्होंने कहा शिवाजी महाराज ने पूरे मालवा में मुगलों को घुसने नहीं दिया. इसीलिए आज हम लोग हिंदू हैं, नहीं तो मेरा नाम भी कैलाश नहीं कलीमुद्दीन होता."
पूरा हिंदू समाज शिवाजी के प्रति कृतज्ञ
कैलाश विजयवर्गीय ने शिवाजी महाराज के योगदान को याद करते हुए कहा "शिवाजी महाराज ने हिंदू धर्म की रक्षा के लिए जो फौज खड़ी की थी. उस दौरान उस फौज ने लाखों की संख्या में रहने वाले मुगलों को मुट्ठी भर होने के बावजूद धराशायी कर दिया. ऐसे एक नहीं कई उदाहरण हैं. उन्होंने कहा मुझे गर्व है कि हम उनकी जयंती पर उन्हें प्रणाम कर रहे हैं. आज पूरा हिंदू समाज शिवाजी महाराज के प्रति कृतज्ञ है. उन्होंने सनातन धर्म की रक्षा के लिए मालवा अंचल में मुगलों को घुसने नहीं दिया.
भारत की गौरवशाली अस्मिता के दिव्य आलोक, हिंदवी स्वराज के युग निर्माता, अनुपम पराक्रम एवं अद्वितीय शौर्य के प्रतीक छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती पर उन्हें शत शत नमन।
— Kailash Vijayvargiya (@KailashOnline) February 19, 2025
आज इस पावन अवसर पर इंदौर में निकाली गई भव्य वाहन रैली में सहभागिता कर शिवाजी महाराज की प्रतिमा पर श्रद्धासुमन… pic.twitter.com/cqbzx5RLld
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चर्चाओं में विजयवर्गीय के बयान
उन्होंने कहा कि उस दौरान बाजीराव पेशवा की फौज ने किसी भी मुगल को यहां आने नहीं दिया. यह हमारा इतिहास बताता है. दरअसल, कैलाश विजयवर्गीय पहले भी सनातन धर्म के समर्थन में इस तरह के बयान देते रहे हैं. इससे पहले उन्होंने सिंगरौली में बयान देते हुए देश का इतिहास फिर से लिखे जाने की बात कही थी. उन्होंने कहा था कि "चाटुकार इतिहासकारों ने सदैव से भारत देश के गौरावशाली इतिहास को छुपाया और दबाया है." इसके अलावा उन्होंने देश के कई राज्यों में हिंदू समाज के अल्पसंख्यक होने पर भी कई बार चिंता जताई है. वहीं सनातन धर्म और हिंदू समाज को संगठित होने की पैरवी भी की है.