जबलपुर: जबलपुर हाईकोर्ट ने यूनियन कार्बाइड के रासायनिक कचरे के डिस्पोजल और पीथमपुर के आसपास के माहौल को शांत करने के लिए राज्य सरकार को 6 सप्ताह का और वक्त दिया है. वहीं कोर्ट ने 12 कंटेनरों में भरे हुए यूनियन कार्बाइड की रासायनिक कचरे को फैक्ट्री के स्टोर में खाली करने की इजाजत दे दी है. इससे पहले आज राज्य सरकार ने कचरे को नष्ट करने के हाईकोर्ट के आदेश पर अब तक उठाए गए कदम की रिपोर्ट पेश की.
राज्य सरकार ने हाईकोर्ट से की थी 6 हफ्ते का और समय दिए जाने की मांग
महाधिवक्ता प्रशांत सिंह ने हाई कोर्ट से अपील की थी कि राज्य सरकार पीथमपुर की जनता को शांत करने और समाझने के लिए 6 सप्ताह का समय चाहती है. हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने राज्य सरकार की यह अर्जी मान ली और जनता को समझा-बुझा कर शांत करने के लिए उन्हें 6 सप्ताह का वक्त दिया है.
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने 3 दिसंबर 2024 को आदेश दिया था कि इस रासायनिक कचरे को वैज्ञानिक विधि से नष्ट किया जाए. आज इस मामले में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैथ की पीठ में सुनवाई हुई.
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राज्य सरकार की ओर से मध्य प्रदेश के महाधिवक्ता प्रशांत सिंह ने हाईकोर्ट को जानकारी दी कि हाईकोर्ट के आदेशानुसार राज्य सरकार ने ग्रीन कॉरिडोर बनाकर पुलिस, डॉक्टर और प्रशिक्षित लोगों की टीम की निगरानी में कचरे को कंटेनर में पैक कर पीथमपुर पहुंचाया. लेकिन इसके पहले कि इस रासायनिक कचरे को नष्ट किया जाता पीथमपुर के आसपास जनता ने कानून व्यवस्था बिगड़ने की कोशिश की. इसकी वजह कुछ फर्जी अफवाहें और खबरें रहीं.
राज्य सरकार को मिली 12 कंटेनरों में भरे हुए रासायनिक कचरे को फैक्ट्री के स्टोर में खाली करने की इजाजत