देहरादून: उत्तराखंड में इन दिनों डेमोग्राफी चेंज का मुद्दा चर्चाओं में है. साल 2022 के उत्तराखंड विधानसभा चुनाव हो या फिर 2024 के लोकसभा चुनाव, दोनों ही चुनावों में बीजेपी ने डेमोग्राफिक चेंज का मुद्दा जोरशोर से उठाया. वहीं अब प्रदेश में बढ़ती आपराधिक वारदातों के कारण डेमोग्राफिक चेंज का मामला फिर से गरमाया हुआ है. जिस पर राजनीति भी शुरू हो गई है. सत्ताधारी दल बीजेपी जहां डेमोग्राफिक चेंज पर मुखर होकर बोल रहा है तो वहीं विपक्षी दल कांग्रेस इस मसले पर बीजेपी को घेरने में लगी हुई है. इन सब के बीच सवाल ये है कि क्या सच में उत्तराखंड के अंदर डेमोग्राफिक चेंज हो रहा है? या सिर्फ इस पर राजनीति ही हो रही है?
उत्तराखंड के अंदर डेमोग्राफिक चेंज किस आधार पर कहा जा रहा है, ये एक बड़ा सवाल है. क्योंकि साल 2011 के बाद राज्य में जनगणना ही नहीं हुई है, तो ऐसे में यह कहना कितना सही होगा कि उत्तराखंड की डेमोग्राफिक चेंज हो रहा है? इस मुद्दे को हवा तब मिली, जब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अचानक से पुलिस मुख्यालय पहुंचे और निरीक्षण के बाद अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए है. इन दिशा-निर्देशों में मुख्यमंत्री धामी ने राज्य में लव जिहाद, लैंड जिहाद और बाहरी राज्यों के उत्तराखंड में बसे लोगों के सत्यापन पर ध्यान देखने को कहा.
इसके अलावा पुलिस को निर्देश दिए कि उत्तराखंड के पहाड़ी और मैदानी इलाके में विशेष समुदाय के नए लोग कितनी संख्या में बस गए हैं, इसका भी डाटा तैयार किया जाएगा. सीएम धामी के निर्देशों पर उत्तराखंड पुलिस ने प्रदेशभर में सत्यापन अभियान चलाया. वहीं, अब राज्य में यह मुद्दा दोबारा से उठ गया है.
2011 की जनगणना के आंकड़े: देश में साल 2011 में आखिर जनगणना हुई थी. 2011 की जनगणना के अनुसार उत्तराखंड की आबादी करीब 1.10 करोड़ है. इसमें लगभग 84 लाख हिंदू है, जो कुल आबादी के 83 प्रतिशत है. वहीं मुस्लिम की संख्या भी 14.10 लाख है, जो राज्य की आबादी के 13.9 प्रतिशत है. इसके अलावा 2.34 प्रतिशत सिख समुदाय है. 2011 के बाद राज्य में कोई जनगणना नहीं हुई है.
2001 की जनगणना के आंकड़े:वहीं अगर साल 2001 की जनगणना की बात करें तो तब राज्य में मुस्लमानों की कुल आबादी 10.12 लाख थी. यानी 2001 से लेकर 2011 के बीच मुस्लिम आबादी दो प्रतिशत बढ़ी है. अब इसी प्रतिशत को देखते हुए राज्य में तमाम संगठन और सरकार इस मुद्दे को उठा रही है. नैनीताल, रामनगर, हरिद्वार, देहरादून, चमोली, रुद्रप्रयाग और टिहरी जिलों में बाहरी लोगों की संख्या कितनी बढ़ती है, इसको लेकर ही पुलिस ने सत्यापन अभियान शुरू किया है.
फ्रंटफुट पर बीजेपी:वहीं, अब बीजेपी डेमोग्राफिक चेंज को लेकर फ्रंटफुट पर खेल रही है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से लेकर उनके तमाम कैबिनेट मंत्री और विधायक डेमोग्राफिक चेंज पर खुलकर बात कर रहे हैं. बीजेपी नेताओं ने तो यहां तक कह दिया है कि वो किसी भी कीमत पर उत्तराखंड में डेमोग्राफिक चेंज नहीं होने देगे.