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ट्रंप के साथ ईरान ने कर दिया खेल! इलेक्शन कैंपेन की डिटेल चुराकर बाइडेन को सौंपे, अमेरिकी एजेंसियों का दावा - Irani Hackers

US President Election: अमेरिका एजेंसियों ने आरोप लगाया है कि ईरानी हैकर्स पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इलेक्शन कैंपेन के ईमेल चोरी किए हैं. इसके जरिए वह कमला हैरिस और जो बाइडेन की चुनाव में मदद कर रहे हैं.

डोनाल्ड ट्रंप
डोनाल्ड ट्रंप (AP)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 19, 2024, 1:56 PM IST

वॉशिंगटन: अमेरिका एजेंसियों ने दावा किया है कि ईरानी हैकरों ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इलेक्शन कैंपेन से जुड़े ईमेल चुरा कर राष्ट्रपति जो बाइडेन के तत्कालीन चुनाव अभियान में शामिल लोगों को भेजे हैं. एजेंसियों ने कहा कि यह अमेरिकी चुनाव को प्रभावित करने के लिए तेहरान द्वारा कथित प्रयास है.

फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन साइबरसिक्योरिटी एंड इंफ्रास्ट्रक्चर सिक्योरिटी एजेंसी और ऑफिस ऑफ द डायरेक्टर ऑफ नेशनल इंटेलिजेंस ने बुधवार को एक संयुक्त बयान में कहा, "ईरान के मैलेशियस साइबर एक्टर्स ने जून से पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप के अभियान से जुड़ी चोरी किए गए, नॉन पब्लिक मैटेरियल को अमेरिकी मीडिया संगठनों को भेजने के प्रयास कर रही है.

एजेंसियों ने कहा, "यह दुर्भावनापूर्ण साइबर गतिविधि ईरान के बहुआयामी दृष्टिकोण का ताजा उदाहरण है." उन्होंने चोरी किए गए मैटेरियल की प्रकृति के बारे में और विवरण नहीं दिया. इतना ही नहीं अगस्त में संयुक्त राज्य अमेरिका ने ईरान पर दोनों अमेरिकी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के अभियानों के खिलाफ साइबर ऑपरेशन शुरू करने और राजनीतिक कलह को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अमेरिका में लोगों को प्रभावित करने वाले अभियानों को लक्षित करने का आरोप लगाया था.

ईरान का अमेरिकी मामलों में हस्तक्षेप करने से इनकार
वहीं, बुधवार को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र में ईरान के स्थायी मिशन ने कहा कि अमेरिका के ताजा आरोप मूल रूप से निराधार और पूरी तरह से अस्वीकार्य हैं. उन्होंने कहा कि ईरान का न तो अमेरिकी चुनाव में हस्तक्षेप करने का कोई मकसद है और न ही इरादा.

कमला और बाइडेन को अपनी गलती स्वीकार करनी चाहिए
एजेंसियों ने कहा कि दुर्भावनापूर्ण साइबर एक्टर्स ने जून के अंत और जुलाई की शुरुआत में बाइडेन के अभियान में व्यक्तियों को अनचाहे ईमेल भेजे, जिसमें रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के अभियान से चुराए गए मैटेरियल एक टेक्स्ट था.

बता दें कि 21 जुलाई को बाइडेन राष्ट्रपति पद की दौड़ से बाहर हो गए और उनकी जगह डेमोक्रेटिक उम्मीदवार के तौर पर उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने ले ली. अलग-अलग सर्वे से पता चलता है कि ट्रंप और हैरिस के बीच कड़ी टक्कर है.

कमला हैरिस और जो बाइडेन की मदद का आरोप
ट्रंप के अभियान प्रवक्ता कैरोलिन लेविट ने कहा कि ताजा आरोप इस बात का और सबूत हैं कि ईरानी कमला हैरिस और जो बाइडेन की मदद करने के लिए चुनाव में सक्रिय रूप से हस्तक्षेप कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें पता है कि राष्ट्रपति ट्रंप अपने कड़े प्रतिबंधों को बहाल करेंगे और उनके आतंक के शासन के खिलाफ खड़े होंगे.

लेविट ने आगे कहा कि कमला और बाइडेन को इस बात पर सफाई देनी चाहिए कि क्या उन्होंने राष्ट्रपति ट्रंप को नुकसान पहुंचाने के लिए ईरानियों द्वारा उन्हें दिए गए हैक मैटेरियल का इस्तेमाल किया. उन्हें इस बारे में क्या पता था और उन्हें यह कब पता चला?

उधर, हैरिस अभियान के प्रवक्ता ने कहा कि उन्हें सीधे अभियान को भेजे गए किसी भी मैटेरियल के बारे में पता नहीं था. कुछ व्यक्तियों को उनके पर्सनल ईमेल पर टारगेट किया गया था जो स्पैम या फिशिंग प्रयास जैसा लग रहा था. पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप ने बुधवार रात एक रैली में दावा किया कि ईरान ने डेमोक्रेट की मदद करने के लिए उनके अभियान को हैक किया, इसे विदेशी चुनाव हस्तक्षेप कहा.

यह भी पढ़ें- पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप को फिर से मारने की हुई साजिश, रैली के पास विस्फोट से भरी कार मिली

वॉशिंगटन: अमेरिका एजेंसियों ने दावा किया है कि ईरानी हैकरों ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इलेक्शन कैंपेन से जुड़े ईमेल चुरा कर राष्ट्रपति जो बाइडेन के तत्कालीन चुनाव अभियान में शामिल लोगों को भेजे हैं. एजेंसियों ने कहा कि यह अमेरिकी चुनाव को प्रभावित करने के लिए तेहरान द्वारा कथित प्रयास है.

फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन साइबरसिक्योरिटी एंड इंफ्रास्ट्रक्चर सिक्योरिटी एजेंसी और ऑफिस ऑफ द डायरेक्टर ऑफ नेशनल इंटेलिजेंस ने बुधवार को एक संयुक्त बयान में कहा, "ईरान के मैलेशियस साइबर एक्टर्स ने जून से पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप के अभियान से जुड़ी चोरी किए गए, नॉन पब्लिक मैटेरियल को अमेरिकी मीडिया संगठनों को भेजने के प्रयास कर रही है.

एजेंसियों ने कहा, "यह दुर्भावनापूर्ण साइबर गतिविधि ईरान के बहुआयामी दृष्टिकोण का ताजा उदाहरण है." उन्होंने चोरी किए गए मैटेरियल की प्रकृति के बारे में और विवरण नहीं दिया. इतना ही नहीं अगस्त में संयुक्त राज्य अमेरिका ने ईरान पर दोनों अमेरिकी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के अभियानों के खिलाफ साइबर ऑपरेशन शुरू करने और राजनीतिक कलह को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अमेरिका में लोगों को प्रभावित करने वाले अभियानों को लक्षित करने का आरोप लगाया था.

ईरान का अमेरिकी मामलों में हस्तक्षेप करने से इनकार
वहीं, बुधवार को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र में ईरान के स्थायी मिशन ने कहा कि अमेरिका के ताजा आरोप मूल रूप से निराधार और पूरी तरह से अस्वीकार्य हैं. उन्होंने कहा कि ईरान का न तो अमेरिकी चुनाव में हस्तक्षेप करने का कोई मकसद है और न ही इरादा.

कमला और बाइडेन को अपनी गलती स्वीकार करनी चाहिए
एजेंसियों ने कहा कि दुर्भावनापूर्ण साइबर एक्टर्स ने जून के अंत और जुलाई की शुरुआत में बाइडेन के अभियान में व्यक्तियों को अनचाहे ईमेल भेजे, जिसमें रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के अभियान से चुराए गए मैटेरियल एक टेक्स्ट था.

बता दें कि 21 जुलाई को बाइडेन राष्ट्रपति पद की दौड़ से बाहर हो गए और उनकी जगह डेमोक्रेटिक उम्मीदवार के तौर पर उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने ले ली. अलग-अलग सर्वे से पता चलता है कि ट्रंप और हैरिस के बीच कड़ी टक्कर है.

कमला हैरिस और जो बाइडेन की मदद का आरोप
ट्रंप के अभियान प्रवक्ता कैरोलिन लेविट ने कहा कि ताजा आरोप इस बात का और सबूत हैं कि ईरानी कमला हैरिस और जो बाइडेन की मदद करने के लिए चुनाव में सक्रिय रूप से हस्तक्षेप कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें पता है कि राष्ट्रपति ट्रंप अपने कड़े प्रतिबंधों को बहाल करेंगे और उनके आतंक के शासन के खिलाफ खड़े होंगे.

लेविट ने आगे कहा कि कमला और बाइडेन को इस बात पर सफाई देनी चाहिए कि क्या उन्होंने राष्ट्रपति ट्रंप को नुकसान पहुंचाने के लिए ईरानियों द्वारा उन्हें दिए गए हैक मैटेरियल का इस्तेमाल किया. उन्हें इस बारे में क्या पता था और उन्हें यह कब पता चला?

उधर, हैरिस अभियान के प्रवक्ता ने कहा कि उन्हें सीधे अभियान को भेजे गए किसी भी मैटेरियल के बारे में पता नहीं था. कुछ व्यक्तियों को उनके पर्सनल ईमेल पर टारगेट किया गया था जो स्पैम या फिशिंग प्रयास जैसा लग रहा था. पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप ने बुधवार रात एक रैली में दावा किया कि ईरान ने डेमोक्रेट की मदद करने के लिए उनके अभियान को हैक किया, इसे विदेशी चुनाव हस्तक्षेप कहा.

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