इंदौर: सिर दर्द, पेट दर्द से लेकर गंभीर बीमारियों की स्थिति में मरीजों को डॉक्टर की शरण लेनी पड़ती है. मरीज अपने बेहतर स्वास्थ्य के लिए डॉक्टरों की सलाह लेते हैं. वहीं, इंदौर के सांठा बाजार स्थित भगवान धन्वंतरि के मंदिर में डॉक्टर अपनी जड़ी बूटी और दवाइयों की सिद्धि के लिए पहुंचते हैं. धनतेरस के दिन जड़ी बूटी सिद्ध करने के लिए इस मंदिर में डॉक्टरों का मेला लगता रहता है.
स्वास्थ्य के देवता हैं भगवान धन्वंतरि
भगवान धन्वंतरि को स्वास्थ्य का देवता कहा जाता है. 185 साल पुराने इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि यदि यहां धनतेरस की पूजा में रखी हुई जड़ी बूटी से मरीज का इलाज किया जाए तो यह मरीज की जटिल से जटिल बीमारी के इलाज में कारगर सिद्ध होती है. यही वजह है कि यहां धनतेरस के दिन डॉक्टर और मरीज दवाइयों की सिद्धि के लिए काफी संख्या में पहुंचते हैं.
दवाओं को किया जाता है सिद्ध
धनतेरस से पहले मंदिर में पूजा पाठ की विशेष तैयारी की जाती हैं. होलकर परंपरा की मान्यता के अनुसार, मंदिर के परिसर में बैठने की व्यवस्था की जाती है. जहां दूर-दूर से आने वाले मरीज और डॉक्टर अपनी दवाइयां सिद्ध करने के लिए पूजा और अभिषेक में शामिल होते हैं. मंदिर केपुजारी मानवेंद्र त्रिवेदी बताते हैं कि "धनतेरस के दिन गंभीर बीमारी की दवाइयां भगवान धन्वंतरि के समक्ष रखकर उन्हें सिद्ध किया जाता है. इस प्रक्रिया में न केवल आयुर्वेदिक डॉक्टर बल्कि एलोपैथी के डॉक्टर भी शामिल होते हैं. बड़े पैमाने पर लोग यहां स्वास्थ्य की कामना के लिए आते हैं."