भुवनेश्वर : भारत बहुत जल्द हाइ़ड्रोजन ईंधन से ट्रेन चलाने के लिए तैयार है. हरियाणा के जिंद-सोनीपत मार्ग पर जल्द ही इसका ट्रायल किया जाएगा. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि यह भारत की क्षमता का परिचायक है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत द्वारा विकसित इंजन दुनिया के किसी भी देश द्वारा निर्मित सबसे शक्तिशाली इंजन है. उन्होंने यह जानकारी ओडिशा में 18वें प्रवासी भारतीय दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए दी.
उन्होंने कहा कि हॉर्स पावर आउटपुट की बात करें, तो भारतीय इंजन की क्षमता न सिर्फ बेहतर है, बल्कि दूसरे देशों की तुलना में सबसे अधिक है और यह बहुत बड़ी उपलब्धि है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह भारत की बढ़ती हुई आकांक्षा और उद्मिता को दर्शाता है.
उन्होंने कहा कि इसने यह भी दर्शाया है कि भारत स्वदेशी तकनीक का अधिक से अधिक उपयोग कर रहा है और ऐसी उपलब्धियों की वजह से भारत हरित ऊर्जा का उपयोग करने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होगा.
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस मौके पर यह भी बताया कि दुनिया में मात्र चार ऐसे देश हैं, जहां हाइड्रोजन से ट्रेनें चलती हैं और उनकी हॉर्स पावर क्षमता 500-600 तक है, जबकि भारत में विकसित होने वाली हाइड्रोजन ट्रेन के इंजन की क्षमता 1200 हॉर्स पावर है.
केंद्रीय मंत्री के अनुसार इस बाबत तैयारी पूरी हो चुकी है. सिस्टम का इंडिग्रेशन किया जा रहा है. एक बार जब इसे पूरा कर लिया जाएगा, तो इसे पटरी पर दौड़ाया जाएगा. पहला ट्रायल हरियाणा में किया जाएगा. जिंद से लेकर सोनीपत तक इसका ट्रायल किया जाएगा.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रेल मंत्री ने कहा कि भारत के लिए यह गर्व का विषय इसलिए भी है, क्योंकि इसे स्वदेशी तकनीक से विकसित किया गया है.
क्या इस तकनीक का उपयोग ट्रकों में किया जा सकता है, इस पर रेल मंत्री ने कहा कि यह संभव है. उन्होंने कहा कि ट्रक, टगबोट और अन्य पावर ट्रेन के लिए भी इंजन विकसित किया जा सकता है, जिस पर विचार जारी है. उन्होंने कहा कि हम इसके वैल्यू चैन को सही करने पर काम कर रहे हैं.
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