नई दिल्ली: विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर ने ईरान द्वारा इजरायल के खिलाफ बैलिस्टिक मिसाइलों के प्रक्षेपण के बाद मध्य पूर्व में बढ़ते हालात पर चिंता व्यक्त की है. इस हमले के बाद दोनों देश इजरायल और ईरान के बीच तनाव और भी बढ़ गया है.
इजरायल पर मिसाइल दागे जाने से कुछ घंटे पहले वाशिंगटन में थिंक टैंक के साथ बातचीत के दौरान विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि हम संघर्ष के बढ़ने की संभावना से चिंतित हैं. उन्होंने कहा न केवल लेबनान में जो हुआ, बल्कि हूथियों और लाल सागर में जो हुआ उसको लेकर भी हम लोग चिंता में हैं. विदेश मंत्री ने आगे कहा कि ईरान और इजरायल के बीच जो कुछ भी होता है, उससे भी चिंतित हैं.
जयशंकर ने कहा कि हम 7 अक्टूबर को आतंकवादी हमला मानते हैं. हम समझते हैं कि इजरायल को जवाब देना चाहिए था, लेकिन हम यह भी मानते हैं कि किसी भी देश द्वारा की जाने वाली किसी भी प्रतिक्रिया में अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून को ध्यान में रखना चाहिए और उसे नागरिक आबादी को किसी भी तरह के नुकसान या प्रभाव के बारे में सावधान रहना चाहिए. किसी तरह के अंतरराष्ट्रीय मानवीय प्रयास होना महत्वपूर्ण है.
इस स्थिति में भारत की संभावित भूमिका पर जयशंकर ने कहा कि कठिन समय में संचार के महत्व को कम मत समझिए. अगर कुछ बातें कही जानी हैं और आगे बढ़ाई जानी हैं, तो मुझे लगता है कि ये सभी योगदान हैं जो हम कर सकते हैं, और हम करते भी हैं. मंगलवार को विदेश मंत्री एंटनी जे. ब्लिंकन ने वाशिंगटन डीसी में भारतीय विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर से मुलाकात की.