मध्य प्रदेश

madhya pradesh

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jun 10, 2024, 10:19 PM IST

Updated : Jun 11, 2024, 12:25 PM IST

ETV Bharat / bharat

दुनिया को मिलेगा फर्स्ट हर्बल एंटीबायोटिक मेडिसिन, ग्वालियर में आयुर्वेद साइंटिस्ट्स की बेजोड़ खोज - india 1st herbal antibiotic trials

मध्य प्रदेश का ग्वालियर अब एक नई उपलब्धि को अपने नाम करने जा रहा है. बड़ी-बड़ी फार्मा कंपनियों को पछाड़ते हुए यहां के शासकीय आयुर्वेदिक कॉलेज में एंटीबायोटिक दवा तैयार की जा रही है. जो पूरी तरह हर्बल यानी आयुर्वेदिक होगी. बड़ी बात यह है कि यह भारत में उपलब्ध होने वाली पहली हर्बल एंटीबायोटिक दवा होगी. आइए नजर डालते हैं ईटीवी भारत संवाददाता पीयूष श्रीवास्तव की इस खास रिपोर्ट पर

GWALIOR HERBAL ANTIBIOTIC MEDICINE
देश को पहली बार मिलने जा रही हर्बल एंटीबायोटिक दवा (ETV Bharat)

India's 1st Herbal Antibiotic Trials: एंटीबायोटिक दवाइयों के बारे में आप सभी ने सुना होगा. यह ऐसी दवाई होती है, जिन्हें गंभीर बीमारियों में मरीज को तुरंत राहत पहुंचने के लिए दी जाती है, लेकिन इन एंटीबायोटिक दवा के साइड इफेक्ट्स भी होते हैं. लंबे समय तक अगर एंटीबायोटिक दवा का सेवन किया जाए तो यह मानव शरीर में काम करना बंद कर देती है. इस दशा को देखते हुए मध्य प्रदेश के ग्वालियर में देश में पहली बार हर्बल एंटीबायोटिक दवा तैयार की जा रही है. इसके सेवन के ना तो साइड इफेक्ट होंगे और ना ही यह किसी प्रकार का नुकसान पहुंचाएंगे.

देश को पहली बार मिलने जा रही हर्बल एंटीबायोटिक दवा (ETV Bharat)

द्रवगुण विज्ञान विभाग के डॉक्टर तैयार कर रहे हर्बल एंटीबायोटिक

जहां देश की बड़ी-बड़ी नामी फार्मा कंपनियां अंग्रेजी एंटीबायोटिक दवाओं का प्रोडक्शन करती हैं. वहीं मध्य प्रदेश के ग्वालियर में शासकीय आयुर्वेद कॉलेज देश की पहली एंटीबायोटिक दवा तैयार करने में जुटा हुआ है. पिछले 1 साल से इस हर्बल एंटीबायोटिक दवा को तैयार करने के लिए द्रव गुण विज्ञान विभाग के डॉक्टर जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं.

एक साल से दवा पर चल रही रिसर्च

शासकीय आयुर्वेद कॉलेज के द्रव गुण विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ केएल शर्मा ने बताया कि बीते 1 साल से उनके डिपार्टमेंट में लगभग 1 साल से इस हर्बल एंटीबायोटिक दवा को तैयार करने का प्रयास किया जा रहा है, क्योंकि यह सभी जानते हैं की आयुर्वेद का लोहा भारत पूरे विश्व में मानव चुका है और आयुर्वेदिक दवाई जो मूलतः जड़ी बूटियां से तैयार की जाती है. मानव शरीर के लिए हमेशा फायदेमंद और कारगर साबित होती है, क्योंकि इनके कोई साइड इफेक्ट नहीं होते.

आयुर्वेदिक कॉलेज में एंटीबायोटिक दवा तैयार (ETV Bharat)

दवा में हुआ 5 खास जड़ी बूटियों का उपयोग

डीआर केएल शर्मा के मुताबिक इस हर्बल एंटीबायोटिक दवा के लिए काफी रिसर्च की जा रही है. इसमें खास तरह की पांच जड़ी बूटियों को मिलाकर तैयार किया जाएगा. इसके लिए भारत सरकार के झांसी में स्थित केंद्रीय आयुर्वेदिक अनुसंधान संस्थान में जड़ी बूटी एंटीबायोटिक की उपयोगिता का परीक्षण कराया जा चुका है. इन जड़ी बूटियां में एंटीबायोटिक गुण पाए गए हैं.

इन बीमारियों में उपयोग होगी हर्बल एंटीबायोटिक दवा

जब हमने उनसे सवाल किया कि इस एंटीबायोटिक दवा को किस तरह की बीमारियों में मरीज को इलाज देने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा, तो उन्होंने बताया कि यह दवा पूरी तरह हर्बल और एंटीबायोटिक होगी. इससे यूरिनरी टेक्स्ट इन्फेक्शन और बुखार से पीड़ित मरीज का इलाज किया जा सकेगा. हर्बल यानी आयुर्वेदिक दवा होने की वजह से इससे किसी तरह के साइड इफेक्ट या नुकसान की गुंजाइश भी नहीं रहेगी.

हर्बल एंटीबायोटिक दवा का परीक्षण (ETV Bharat)

एनिमल ट्रायल जारी, ह्यूमन ट्रायल बाकी

डॉ केएल शर्मा ने बताया कि 'फिलहाल यह दावा एनिमल ट्रायल फेज में है. इस दवा का ट्रायल रीजनल आयुर्वेदिक रिसर्च सेंटर के एनिमल हाउस में मौजूद एनिमल सब्जेक्ट्स पर किया जा रहा है. यह प्रक्रिया करीब 3 महीने तक जारी रहेगी. एनिमल ट्रायल पूरा होने के बाद इस दवा का ह्यूमन ट्रायल फेज शुरू किया जाएगा. इस दौरान एनिमल ट्रायल के दौरान तैयार रिपोर्ट के आधार पर इसका इंसानों पर यानी मरीजों पर भी प्रयोग होगा. जो लगभग 6 महीने तक चलेगा.

ग्वालियर के आयुर्वेद कॉलेज में परीक्षण (ETV Bharat)

यहां पढ़ें...

पंजाब और हिमाचल के बाद MP में मुलेठी के खेती की शुरुआत, घर के गमलों में लगाकर कमा सकते हैं लाखों

पाताललोक के आदिवासियों की 4 जड़ी बूटी शरीर में भर देती है ताकत, सर्दी गर्मी बारिश में बढ़ाती है इम्यूनिटी

पेटेंट के बाद जल्द बाजार में होगी उपलब्ध

हर्बल एंटीबायोटिक दवा के एनिमल और ह्यूमन ट्रायल पूरे होने के बाद अगर सब्जेक्ट्स पर किसी तरह का कोई साइड इफेक्ट या नुकसान नहीं पाया जाएगा, तो इस हर्बल एंटीबायोटिक दवा को पेटेंट कराने के बाद मार्केट में उपलब्ध कराया जाएगा. पेटेंट होने के बाद यह दवा सरकारी अस्पतालों के साथ ही मार्केट में भी मिलेगी. हालांकि इस प्रक्रिया में लगभग 1 साल का समय लग सकता है.

Last Updated : Jun 11, 2024, 12:25 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details