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आईआईटी मद्रास के अनुसंधानकर्ताओं ने कैंसर के इलाज में भारतीय मसालों के इस्तेमाल का पेटेंट कराया - treat cancer clinical trials

IIT Madras : आईआईटी मद्रास के रिसर्च करने वालों ने कैंसर के इलाज के लिए प्रयोग किए जाने वाले भारतीय मसालों के उपयोग का पेटेंट कराया है. इस संबंध में केमिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर आर नागराजन ने कहा कि भारतीय मसाला तेलों के चिकित्सीय लाभ सदियों से ज्ञात है.

IIT Madras
आईआईटी मद्रास

By PTI

Published : Feb 25, 2024, 6:48 PM IST

नई दिल्ली : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT), मद्रास के अनुसंधानकर्ताओं ने कैंसर के इलाज के लिए भारतीय मसालों के उपयोग का पेटेंट कराया है और दवाएं 2028 तक बाजार में उपलब्ध होने की संभावना है. यह जानकारी अधिकारियों ने दी. अधिकारियों ने कहा कि भारतीय मसालों से तैयार नैनोमेडिसिन ने फेफड़े, स्तन, बृहदान्त्र, सर्विकल, मुख और थायरॉयड सेल लाइन के खिलाफ कैंसर रोधी गतिविधि दिखायी है, लेकिन ये सामान्य कोशिकाओं के लिए सुरक्षित हैं.

नैनोमेडिसिन सामान्य कोशिकाओं में सुरक्षित पाई गईं. अनुसंधानकर्ता वर्तमान में सुरक्षा और लागत के मुद्दों को हल करने पर काम कर रहे हैं जो मौजूदा कैंसर दवाओं की सबसे बड़ी चुनौती है. पशुओं पर अध्ययन हाल ही में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ है और 2027-28 तक दवाओं को बाजार में उपलब्ध कराने के लक्ष्य के साथ 'क्लीनिकल ट्रायल' की योजना बनाई जा रही है. आईआईटी-मद्रास में केमिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर आर नागराजन ने बताया, 'हालांकि भारतीय मसाला तेलों के चिकित्सीय लाभ सदियों से ज्ञात हैं, उनकी जैव उपलब्धता ने उनके अनुप्रयोग और उपयोग को सीमित कर दिया है. नैनो-इमल्शन के रूप में इसका निरूपण इस बाधा को प्रभावी रूप से पार कर जाता है. नैनो-इमल्शन की स्थिरता एक महत्वपूर्ण विचार था और इसे हमारी प्रयोगशाला में अनुकूलित किया गया.'

उन्होंने कहा, 'हालांकि कैंसर कोशिकाओं के साथ सक्रिय अवयवों और उनके संपर्क के तरीकों की पहचान करने के लिए यंत्रवत अध्ययन महत्वपूर्ण हैं और हम इसे प्रयोगशालाओं में जारी रखेंगे, समानांतर रूप से, हम अपने पशु अध्ययनों में सकारात्मक परिणामों को शीघ्रता से क्लीनिकल ट्रायल में परिवर्तित करने का प्रयास करेंगे. हम इसे दो से तीन साल की अवधि में बाजार में लाने पर विचार कर रहे हैं.' पेटेंट कराए गए कैंसर रोधी नैनो-फॉर्मूलेशन के पशुओं पर अध्ययन किए गए हैं.

आईआईटी मद्रास के मुख्य वैज्ञानिक अधिकारी (कैंसर नैनोमेडिसिन एंड ड्रग डिजाइन प्रयोगशाला) एम जॉयस निर्मला ने कहा कि पेटेंट किए गए भारतीय मसाला-आधारित नैनो-फॉर्मूलेशन कृत्रिम अध्ययनों के माध्यम से कई सामान्य प्रकार के कैंसर में प्रभावी साबित हुए हैं.

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