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जामा मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे दबे हैं भगवान केशव देव का विग्रह, आगरा कोर्ट में एक और याचिका दायर - Lord Keshav Dev vs Jama Masjid

आगरा की जामा मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे भगवान केशव देव का विग्रह दबे हैं. इसको लेकर एक और याचिका आगरा के कोर्ट में दायर की गई है. दायर याचिका में श्रीकृष्ण जन्मभूमि के मूल गर्भगृह में प्राण प्रतिष्ठित विग्रह को जामा मस्जिद की सीढ़ियों में से निकलवाने की मांग की गई है.

जामा मस्जिद को लेकर एक और याचिका दायर
जामा मस्जिद को लेकर एक और याचिका दायर (PHOTO credits ETV BHARAT)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 12, 2024, 6:47 PM IST

आगरा: ताजनगरी की जामा मस्जिद को लेकर आगरा कोर्ट में एक और याचिका दायर की गई है. सनातन धर्म रक्षा पीठ वृंदावन के पीठाधीश्वर कथावाचक कौशल किशोर ठाकुर ने ये याचिका लगाई है. जिसमें जामा मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे दबे भगवान केशव देव के विग्रह निकलवाने की बात कही गई है. इससे पहले ही आगरा की अदालत में जामा मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे भगवान केशव देव के विग्रह और जामा मस्जिद की जीपीएस सर्वे कराने का मुकदमा चल रहा है.

बता दें कि, आगरा की सिविल अदालत में सनातन धर्म रक्षा पीठ वृंदावन के पीठाधीश्वर कथावाचक कौशल किशोर ठाकुर, बीजेपी नेता सोनिया ठाकुर के साथ पीठ की महामंत्री नीतू सिंह चौहान और सुप्रीम कोर्ट की वकील रीना सिंह ने दायर की है. जिसमें भी श्रीकृष्ण जन्मभूमि के मूल गर्भगृह में प्राण प्रतिष्ठित विग्रह को जामा मस्जिद की सीढ़ियों में से निकलवाने की मांग की गई है.

चार लोगों ने जामा मस्जिद के खिलाफ लगाई याचिका (PHOTO credits ETV BHARAT)

सनातन धर्म रक्षा पीठ वृंदावन के पीठाधीश्वर कथावाचक कौशल किशोर ठाकुर ने बताया कि, भगवान श्रीकृष्ण के मूल वंशज जादौन, जडेजा, भाटी, छौंकर, रावल, सूरसैनी समेत अन्य हैं. जामा मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे दबे भगवान श्रीकेशवदेव के विग्रह उनके अस्तित्व की विरासत है. यदुवंशी समाज के अस्तित्व की विरासत को बचाने और ब्रज के अस्तित्व निर्माण का कार्य सनातन धर्म रक्षा पीठ कर रही है.

जामा मस्जिद की सीढ़ियों के नीच दबे हैं भगवान (PHOTO credits ETV BHARAT)

कथावाचक कौशल किशोर ठाकुर ने बताया कि, अपनी याचिका में जामा मस्जिद का जीपीआर सर्वे कराने की मांग की है. जिससे हकीकत सामने आ जाएगी. इस जीपीआर सर्वे के दौरान जामा मस्जिद में जो भी नुकसान होगा. उसकी भरपाई की जाएगी.

जामा मस्जिद की सीढ़ियों के नीच दबे हैं भगवान (PHOTO credits ETV BHARAT)

बता दें कि, आगरा के दीवानी स्थित लघुवाद न्यायालय में श्रीकृष्ण जन्मभूमि बनाम शाही जामा मस्जिद वाद चल रहा है. जिसमें प्रतिवादी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI), उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड हैं. इस मामले में श्रीकृष्ण जन्म भूमि संरक्षित सेवा ट्रस्ट वादी हैं. इस मामले में सुनवाई की 16 जुलाई को होनी है. जिसमें भी जीपीआर सर्वे कराने की मांग की गई है. वर्तमान में प्रभु श्रीकृष्ण विग्रह के दो वाद माननीय न्यायाधीश मृत्युंजय कुमार श्रीवास्तव के न्यायालय में विचाराधीन है.

चार लोगों ने जामा मस्जिद के खिलाफ लगाई याचिका (PHOTO credits ETV BHARAT)

मस्जिद के निर्माण को लेकर वरिष्ठ इतिहासकार राजकिशोर 'राजे' बताते हैं कि, मुगल शहंशाह शाहजहां की 14 संतानें थीं. जिसमें मेहरून्निसा बेगम, जहांआरा, दारा शिकोह, शाह शूजा, रोशनआरा, औरंगजेब, उमेदबक्श, सुरैया बानो बेगम, मुराद लुतफुल्ला, दौलत आफजा और गौहरा बेगम शामिल थे. अन्य दो की पैदा होते ही मौत हो गई थी. शाहजहां की सबसे प्रिय बेटी जहांआरा थी. उसने अपने वजीफे की रकम पांच लाख रुपये से साल 1643 से 1648 के बीच जामा मस्जिद का निर्माण कराया था.

वरिष्ठ इतिहासकार राजकिशोर 'राजे' बताते हैं कि, 16 वीं शताब्दी के सातवें दशक में मुगल बादशाह औरंगजेब ने मथुरा के केशवदेव मंदिर को ध्वस्त किया था. और केशवदेव मंदिर की मूर्तियों के साथ ही तमाम पुरावशेष आगरा लेकर आया था. उसने मूर्तियों और पुरावशेष को जामा मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे दबाया था. कई इतिहासकारों ने अपनी पुस्तकों में इसका जिक्र किया है. इसमें औरंगजेब के सहायक रहे मुहम्मद साकी मुस्तइद्दखां ने अपनी पुस्तक 'मआसिर-ए-आलमगीरी' में, प्रसिद्ध इतिहासकार जदुनाथ सरकार की पुस्तक 'ए शॉर्ट हिस्ट्री ऑफ औरंगजेब' में, राजकिशोर की पुस्तक 'तवारीख़-ए-आगरा' में और मथुरा के महशहूर साहित्यकार प्रो. चिंतामणि शुक्ल की पुस्तक ' मथुरा जनपद का राजनीतिक इतिहास' में भी जामा मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे मूर्तियां दबाने का विस्तार से जिक्र किया है.

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