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ग्रेटर नोएडा में खुलेगा वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी का भारत में पहला कैंपस, यूपी सरकार संग हुआ करार - WESTERN SYDNEY UNIVERSITY IN UP

ऑस्ट्रेलिया की वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी का भारत में पहला कैंपस ग्रेटर नोएडा में खुलेगा.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 3, 2025, 7:31 PM IST

Updated : Jan 3, 2025, 7:48 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार और वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी (डब्ल्यूएसयू), ऑस्ट्रेलिया ने भारत में डब्ल्यूएसयू का पहला कैंपस स्थापित करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर कए हैं. यह कैंपस उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में खोला जाएगा. इस समझौता ज्ञापन पर आज लखनऊ में प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, आइएएस और डब्ल्यूएसयू की कार्यवाहक कुलपति प्रोफेसर डेबोरा स्वीनी ने हस्ताक्षर किए.

कृषि उत्पादन आयुक्त मोनिका एस. गर्ग, आइएएस, प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा एमपी अग्रवाल, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार, अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी, इन्वेस्ट यूपी प्रथमेश कुमार भी समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर समारोह के दौरान मौजूद थे.


मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने डब्ल्यूएसयू और उत्तर प्रदेश दोनों के लिए इस साझेदारी के महत्व पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएसयू ग्रेटर नोएडा में परिसर स्थापित करने वाला पहला विदेशी विश्वविद्यालय होगा, जिसका परिसर पहले चरण में ग्रेटर नोएडा में वाणिज्यिक भवन में बनाने की योजना है. दूसरे चरण में ग्रेटर नोएडा में सात एकड़ की विशाल साइट पर एक पूर्ण विश्वविद्यालय परिसर विकसित किया जाएगा.

उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि उत्तर प्रदेश भारत में सबसे तेजी से विकास करने वाला राज्य है. खासकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश क्षेत्र, जो जीडीपी और कृषि उत्पादन में महत्वपूर्ण योगदान देता है. इसके अलावा, ग्रेटर नोएडा में बनने वाला जेवर एयरपोर्ट निर्यात को बढ़ावा देगा और निर्बाध वैश्विक कनेक्टिविटी प्रदान करेगा.


मुख्य सचिव मनोज सिंह ने बताया कि नोएडा में प्रस्तावित परिसर उत्तर प्रदेश की उच्च शिक्षा प्रोत्साहन नीति 2024 के उद्देश्यों के अनुरूप है. इस नीति का उद्देश्य एक लचीली, समावेशी और सशक्त उच्च शिक्षा प्रणाली का निर्माण करना है. यह नीति घरेलू और अंतरराष्ट्रीय शैक्षणिक संस्थानों को आकर्षित करने, राज्य की युवा प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करती है.


यह नोएडा कैंपस वैश्विक स्तर की शिक्षा और नवाचार लेकर आएगा, जिससे भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच संबंध मजबूत होंगे. वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी, जो शीर्ष 50 युवा विश्वविद्यालयों में शामिल है, स्थिरता और नवाचार में अपनी उत्कृष्टता के लिए जानी जाती है. यह कैंपस उत्तर प्रदेश की एग्रोटेक पहलों का समर्थन करेगा और स्मार्ट कृषि, जल प्रबंधन, और जलवायु अनुकूलन को बढ़ावा देगा. इससे राज्य उभरते उद्योगों में अग्रणी बनेगा.


समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर समारोह में डब्ल्यूएसयू के प्रो वाइस चांसलर (ग्लोबल) डॉ. निकोलिन मर्डोक, डब्ल्यूएसयू के संचालन और वाणिज्यिक उपाध्यक्ष बिल परासिरिस, डब्ल्यूएसयू के हॉक्सबरी पर्यावरण संस्थान में अंतर्राष्ट्रीय रणनीति और भागीदारी (खाद्य और पर्यावरण) की प्रमुख डॉ. निशा राकेश, नई दिल्ली स्थित ऑस्ट्रेलियाई उच्चायोग में ऑस्ट्रेलियाई सरकार के शिक्षा विभाग के मंत्री-परामर्शदाता (शिक्षा और अनुसंधान) मैथ्यू जॉनसन और अनुसंधान सहयोग और भागीदारी (दक्षिण एशिया) की प्रमुख डॉ. कोपल चौबे भी उपस्थित थीं.

ये भी पढ़ें- लखनऊ निगम का ऑपरेशन क्लीन बांग्लादेशी, मेयर सुषमा खर्कवाल बोली- इन्हें शहर से निकालेंगे, हमारे लोगों का छीन रहे रोजगार

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार और वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी (डब्ल्यूएसयू), ऑस्ट्रेलिया ने भारत में डब्ल्यूएसयू का पहला कैंपस स्थापित करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर कए हैं. यह कैंपस उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में खोला जाएगा. इस समझौता ज्ञापन पर आज लखनऊ में प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, आइएएस और डब्ल्यूएसयू की कार्यवाहक कुलपति प्रोफेसर डेबोरा स्वीनी ने हस्ताक्षर किए.

कृषि उत्पादन आयुक्त मोनिका एस. गर्ग, आइएएस, प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा एमपी अग्रवाल, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार, अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी, इन्वेस्ट यूपी प्रथमेश कुमार भी समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर समारोह के दौरान मौजूद थे.


मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने डब्ल्यूएसयू और उत्तर प्रदेश दोनों के लिए इस साझेदारी के महत्व पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएसयू ग्रेटर नोएडा में परिसर स्थापित करने वाला पहला विदेशी विश्वविद्यालय होगा, जिसका परिसर पहले चरण में ग्रेटर नोएडा में वाणिज्यिक भवन में बनाने की योजना है. दूसरे चरण में ग्रेटर नोएडा में सात एकड़ की विशाल साइट पर एक पूर्ण विश्वविद्यालय परिसर विकसित किया जाएगा.

उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि उत्तर प्रदेश भारत में सबसे तेजी से विकास करने वाला राज्य है. खासकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश क्षेत्र, जो जीडीपी और कृषि उत्पादन में महत्वपूर्ण योगदान देता है. इसके अलावा, ग्रेटर नोएडा में बनने वाला जेवर एयरपोर्ट निर्यात को बढ़ावा देगा और निर्बाध वैश्विक कनेक्टिविटी प्रदान करेगा.


मुख्य सचिव मनोज सिंह ने बताया कि नोएडा में प्रस्तावित परिसर उत्तर प्रदेश की उच्च शिक्षा प्रोत्साहन नीति 2024 के उद्देश्यों के अनुरूप है. इस नीति का उद्देश्य एक लचीली, समावेशी और सशक्त उच्च शिक्षा प्रणाली का निर्माण करना है. यह नीति घरेलू और अंतरराष्ट्रीय शैक्षणिक संस्थानों को आकर्षित करने, राज्य की युवा प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करती है.


यह नोएडा कैंपस वैश्विक स्तर की शिक्षा और नवाचार लेकर आएगा, जिससे भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच संबंध मजबूत होंगे. वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी, जो शीर्ष 50 युवा विश्वविद्यालयों में शामिल है, स्थिरता और नवाचार में अपनी उत्कृष्टता के लिए जानी जाती है. यह कैंपस उत्तर प्रदेश की एग्रोटेक पहलों का समर्थन करेगा और स्मार्ट कृषि, जल प्रबंधन, और जलवायु अनुकूलन को बढ़ावा देगा. इससे राज्य उभरते उद्योगों में अग्रणी बनेगा.


समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर समारोह में डब्ल्यूएसयू के प्रो वाइस चांसलर (ग्लोबल) डॉ. निकोलिन मर्डोक, डब्ल्यूएसयू के संचालन और वाणिज्यिक उपाध्यक्ष बिल परासिरिस, डब्ल्यूएसयू के हॉक्सबरी पर्यावरण संस्थान में अंतर्राष्ट्रीय रणनीति और भागीदारी (खाद्य और पर्यावरण) की प्रमुख डॉ. निशा राकेश, नई दिल्ली स्थित ऑस्ट्रेलियाई उच्चायोग में ऑस्ट्रेलियाई सरकार के शिक्षा विभाग के मंत्री-परामर्शदाता (शिक्षा और अनुसंधान) मैथ्यू जॉनसन और अनुसंधान सहयोग और भागीदारी (दक्षिण एशिया) की प्रमुख डॉ. कोपल चौबे भी उपस्थित थीं.

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Last Updated : Jan 3, 2025, 7:48 PM IST
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