पुणे/वाशिम:महाराष्ट्र कैडर की 2023 बैच की प्रोबेशनरी आईएएस पूजा खेडकर मुश्किलों में घिरती जा रही हैं. सिविल सेवा परीक्षा पास करने के लिए कथित तौर पर दिव्यांगता और ओबीसी के फर्जी प्रमाणपत्र देने के मामले में फंसीं पूजा खेडकर से सोमवार देर रात वाशिम पुलिस ने पूछताछ की है. पुलिस टीम में उपविभागीय पुलिस अधिकारी नीलिमा अराज और दो अन्य अधिकारी शामिल थे. पूछताछ के लिए आए अधिकारियों ने मीडिया को जानकारी देने से इनकार कर दिया. इसलिए पूजा खेडकर से किस संबंध में पूछताछ की गई, यह पता नहीं चल पाया है. आईएएस पूजा खेडकर को पद के दुरुपयोग के आरोपों के बाद पुणे से वाशिम ट्रांसफर कर दिया गया था.
वहीं, पुणे पुलिस प्रोबेशनरी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर द्वारा दिए गए मेडिकल प्रमाणपत्रों की प्रामाणिकता की जांच में जुट गई है. 34 वर्षीय अधिकारी पूजा ने यूपीएससी को कई मेडिकल प्रमाणपत्र सौंपे थे, जिनमें से एक बेंचमार्क विकलांग व्यक्तियों (पीडब्ल्यूबीडी) के प्रावधान के तहत दृष्टि दोष का संकेत देता है. पूजा पर सिविल सेवा परीक्षा को पास करने के लिए प्रमाणपत्रों में धोखाधड़ी करने का आरोप है. यह भी सामने आया है कि विवादास्पद ट्रेनी आईएएस अधिकारी ने 2007 में एक निजी मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए फिटनेस प्रमाणपत्र प्रस्तुत किया था.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, विकलांगों के लिए आयुक्त कार्यालय ने खेडकर द्वारा प्रस्तुत प्रमाणपत्रों को सत्यापित करने के लिए पुणे पुलिस और जिला कलेक्ट्रेट को एक पत्र लिखा है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि हमें दिव्यांगों के लिए आयुक्त कार्यालय से एक पत्र मिला है. उन्होंने हमें पूजा खेडकर द्वारा प्रस्तुत किए गए प्रमाणपत्रों की प्रामाणिकता की जांच करने के लिए कहा है. हम इन प्रमाणपत्रों के बारे में तथ्यों की जांच करेंगे. उन्हें कहां से प्राप्त किया गया, किस डॉक्टर या अस्पताल ने उन्हें प्रमाणित किया, इसकी भी जांच की जाएगी.