नई दिल्ली: संसद का पहला सत्र 24 जून से शुरू होने जा रहा है. यह सत्र 3 जुलाई तक चलेगा. हालांकि, हाल में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) को पूर्ण बहुमत न मिलने के कारण उसके लिए स्पीकर पद का चुनाव काफी चुनौतीपूर्ण हो गया है. मोदी 3.0 सरकार एनडीए के सहयोगी दलों के सहारे ही चल सकती है. ऐसे में लोकसभा अध्यक्ष काफी अहम हो गया है. यह ही कारण है कि बीजेपी हर हाल में स्पीकर पद अपने पास रखना चाहती है.
हालांकि, तेलुगु देशम पार्टी (TDP) की नजर भी स्पीकर पद पर है. वहीं, विपक्ष भी स्पीकर के पद के लिए अपना उम्मीदवार उतार सकती है. दरअसल, विपक्षी गठबंधन डिप्टी स्पीकर का पद मांग रहा है. उसका कहना है कि अगर डिप्टी स्पीकर का पद नहीं मिलता है, तो फिर वो स्पीकर का चुनाव भी लड़ेंगे.
बता दें कि लोकसभा का स्पीकर, संसद का ही एक सदस्य होता है, इसलिए उसे 1954 के संसद अधिनियम के तहत वेतन, भत्ते और पेंशन भी मिलती हैं. इस अधिनियम को दिसंबर 2010 में संशोधित किया गया था.