रांचीः हेमंत सोरेन सरकार ने विश्वासमत हासिल कर लिया है. विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान हेमंत सोरेन ने सदन में विश्वास प्रस्ताव रखा. जिस पर चर्चा हुई. चर्चा के बाद वोटिंग में हेमंत सोरेन सरकार ने आसानी से जीत हासिल कर ली. प्रस्ताव के पक्ष में कुल 45 वोट पड़े, जबकि विपक्ष में एक भी वोट नहीं पड़ा.
सदन में विश्वास प्रस्ताव पर हुई चर्चा के बाद वोटिंग हुई. वोटिंग के दौरान भी लगातार हंगामा होता रहा. हंगामे के बीच ही वोटों की गिनती की गई. इसी दौरान एनडीए के विधायकों ने सदन से वाक आउट किया. एनडीए के विधायक वोटिंग में शामिल नहीं हुए. इस वजह से प्रस्ताव के विरोध में एक भी मत नहीं पड़ा. जबकि निर्दलीय विधायक सरयू राय न्यूट्रल रहे. वोटिंग के बाद सभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई.
पंचम विधानसभा में इंडिया गठबंधन की सरकार के तरफ से चौथी बार विश्वास प्रस्ताव रखा गया. तीसरी बार हेमंत सोरेन ने राज्य के मुख्यमंत्री का पद संभाला है. तीसरी बार उन्होंने 4 जुलाई को सीएम पद की शपथ ली. सोमवार को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर सदन में विश्वास प्रस्ताव रखा गया. क्योंकि हेमंत सोरेन ने अकेले सीएम पद की शपथ ली थी, इसलिए उन्होंने खुद सदन में विश्वास प्रस्ताव रखा. जिस पर काफी गर्मा-गर्म चर्चा हुई.
सदन में विश्वास प्रस्ताव के दौरान नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने सरकार पर जमकर निशाना साधा है. नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने सीएम हेमंत सोरेन को बधाई दी. उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन अगर मंत्रिमंडल के साथ बैठते तो बेहतर होता. अमर बाउरी ने कहा कि यह धोखे से बनी सरकार है. सरकार सिर्फ ठग रही है. चार महीने से बुजुर्गों को पेंशन नहीं मिला है.
विश्वास प्रस्ताव के दौरान बोलते हुए पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने भी आदिवासियों की जनसंख्या घटने पर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि सबको सरकार चलाने का मौका मिला लेकिन जो बदलाव राज्य में होने चाहिए थे, वो नहीं हुए. लोकतंत्र में जनता की भावनाओं का ख्याल रखा जाना चाहिए. सबको मिलकर एक साथ सकारात्मक रूप से काम करने की जरूरत है.
विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान बरही विधायक उमाशंकर अकेला बीजेपी पर जमकर बरसे. उन्होंने बीजेपी को झूठी पार्टी करार दिया. उन्होंने पूछा कि पीएम मोदी मणिपुर क्यों नहीं गए. दो करोड़ नौकरी आज तक किसी को नहीं मिली.