पिथौरागढ़:उत्तराखंड में भीड़ मैनेजमेंट को लेकर पहले भी कई तरह के सवाल खड़े होते आए हैं. इस साल चारधाम यात्रा के शुरुआती दौर में यात्रियों की अत्यधिक भीड़ उमड़ गई थी, जिसके चलते तमाम व्यवस्थाएं चरमरा गई थी. भीड़ नियंत्रण में सारा तंत्र फेल सा साबित हो गया था. जिसके चलते यात्रियों को ऋषिकेश, हरिद्वार से लेकर अन्य यात्रा पड़ावों पर रोक-रोक कर चारधाम के लिए भेजना पड़ा. ऐसी ही भीड़ पिथौरागढ़ प्रादेशिक सेना भर्ती में देखने को मिली. यहां अभ्यर्थियों की ऐसी भीड़ उमड़ी कि तमाम इंतजामात नाकाफी हो गए.
133 पदों के लिए पहुंचे हजारों अभ्यर्थी: बता दें कि उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में 20 नवंबर से 27 नवंबर तक प्रादेशिक सेना की भर्ती की जा रही है. करीब 133 पदों पर होने वाली इस भर्ती के लिए 18,000 से ज्यादा अभ्यर्थी उत्तर प्रदेश, बिहार से पहुंच गए थे. अचानक उमड़ी भीड़ की वजह से तमाम व्यवस्थाएं धराशायी हो गई. हालात ये हो गए कि भर्ती स्थल पर भीड़ को संभालना मुश्किल हो गया.
इतना ही नहीं भीड़ गेट तोड़ कर भर्ती स्थल में जा घुसी. ऐसे में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठी फटकारनी पड़ी. जिसके चलते यह भर्ती रैली सुर्खियों में आ गयी. वहीं, सवाल उठने लगे कि आखिरकार भीड़ को नियंत्रित करने के लिए जिला प्रशासन ने पहले से काम क्यों नहीं किया? ऐसी व्यवस्था क्यों नहीं बनाई गई, जिससे अभ्यर्थियों को किसी तरह की परेशानियों का सामना न करना पड़े और आसानी से भर्ती प्रक्रिया चल सके.
हालांकि, अब कई अभ्यर्थी पिथौरागढ़ से अपने-अपने शहरों, गांवों और कस्बों के लिए वापस जाने लगे हैं. भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने जा रहे अभ्यर्थियों को वाहन तक नहीं मिले, लेकिन एकाएक अव्यवस्थाएं सामने आई तो अब आनन-फानन में परिवहन विभाग की ओर से बसें बढ़ा दी गई. इतना ही नहीं दो ट्रेनें भी हल्द्वानी और अन्य स्टेशनों से संचालित की जाने लगी. ताकि, अभ्यर्थी उत्तर प्रदेश की तरफ आसानी से जा सकें.
पिथौरागढ़ डीएम ने बताई हालात के पीछे की वजह: भारी अव्यवस्थाओं को लेकर जिला प्रशासन पर सवाल उठे, जिसके बाद पिथौरागढ़ डीएम की ओर से बयान जारी किया गया है. पिथौरागढ़ डीएम विनोद गोस्वामी का कहना है कि बीती 8 नवंबर को इस भर्ती को लेकर संबंधित अधिकारियों संग बैठक हुई थी. जिसमें कहा गया था कि पिथौरागढ़ के साथ बिहार के दानापुर में भी भर्ती आयोजित हो रही है, लेकिन अचानक से बिहार की भर्ती को निरस्त कर दिया गया. ऐसे में यह सूचना जिला प्रशासन के पास समय से नहीं पहुंची.