उत्तर भारत के कई हिस्सों में आज भी रहेगा गर्मी का प्रकोप, धीरे-धीरे होगी कम - Heatwave continue - HEATWAVE CONTINUE
Heatwave continue many parts of North India today: उत्तर भारत के कई हिस्सों में आज भी गर्मी का कहर जारी रहेगा. मौसम विभाग के अनुसार धीरे-धीरे गर्मी का प्रकोप कम होगा. वहीं, देश के कई हिस्सों में मॉनसून का प्रभाव देखा जा रहा है.
नई दिल्ली: उत्तर भारत के कई हिस्सों में बुधवार को भीषण गर्मी पड़ने की संभावना है. उत्तर-पश्चिम भारत की ओर आने वाले पश्चिमी विक्षोभ के कारण धीरे-धीरे इसमें कमी आएगी. वैसे मॉनसून का प्रभाव पूर्वोत्तर राज्यों समेत पश्चिम बंगाल और दक्षिण के राज्यों में है.
मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार पंजाब, हरियाणा-चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तर प्रदेश के अधिकांश हिस्सों, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार और उत्तरी मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में भीषण गर्मी का प्रकोप जारी है. गर्मी का कहर पूर्वोत्तर मध्य प्रदेश, ओडिशा, झारखंड, उत्तर-पश्चिम राजस्थान, उत्तर-पश्चिम मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल में गंगा के मैदानी क्षेत्र और जम्मू संभाग के अलग-अलग इलाकों में भी व्याप्त रहा.
मौसम विभाग (IMD) ने कहा कि पंजाब, हरियाणा-चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों और राजस्थान और बिहार के अलग-अलग इलाकों में रात के समय अधिक गर्मी की स्थिति देखी गई. उत्तर भारत के मैदानी इलाकों के अधिकांश भागों में अधिकतम तापमान 44-46 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहा और यह क्षेत्र में सामान्य से 5-8 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा. मौसम विभाग (आईएमडी) के आंकड़ों के अनुसार देश में सबसे अधिक अधिकतम तापमान 47.6 डिग्री सेल्सियस प्रयागराज (पूर्वी उत्तर प्रदेश) में दर्ज किया गया.
मौसम विभाग (आईएमडी) ने आगे कहा कि मेघालय में अलग-अलग स्थानों पर असाधारण रूप से भारी वर्षा हुई. इसके साथ ही उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और बिहार में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा हुई, तमिलनाडु में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा हुई. अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, कोंकण, गोवा, मध्य महाराष्ट्र, तेलंगाना, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक और रायलसीमा में अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा हुई.
मौसम विभाग की ओर से कहा गया है कि अगले तीन-चार दिनों के दौरान महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, ओडिशा, तटीय आंध्र प्रदेश और उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के कुछ और हिस्सों, पश्चिम बंगाल के गंगा के मैदानी इलाकों के कुछ हिस्सों, उप हिमालयी पश्चिम बंगाल के शेष हिस्सों और बिहार और झारखंड के कुछ हिस्सों में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं.