चंडीगढ़: नगर निगम चंडीगढ़ में मंगलवार, 30 जनवरी को चंडीगढ़ मेयर चुनाव में जैसे ही बीजेपी उम्मीदवार मनोज सोनकर ने जीत हासिल की सदन में जमकर हंगामा हुआ. इंडिया गठबंधन की ओर से हाई कोर्ट में चंडीगढ़ मेयर चुनाव रद्द करने को लेकर याचिका दायर की गई थी. आम आदमी पार्टी के कुलदीप कुमार की याचिका पर पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में सुनवाई हुई.
हाई कोर्ट में आज की सुनवाई पूरी हो गई है. चंडीगढ़ प्रशासन ने जवाब देने के लिए 4 सप्ताह का वक्त मांगा है लेकिन अदालत ने जवाब देने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया है. इस मामले में अगली सुनवाई 26 फरवरी को होगी. सुनवाई के दौरान अदालत ने पंजाब एजी से कहा है कि चंडीगढ़ प्रशासन को जबाब देने दीजिए, अगर कोर्ट संतुष्ट नहीं हुआ तो रिकॉर्ड मंगवाया जाएगा. सुनवाई में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन को कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है.
कोर्ट में सुनवाई के दौरान पंजाब के एजी गुरमिंदर सिंह गैरी ने कहा कि शर्म से कहना पड़ रहा है कि मंगलवार, 30 जनवरी को मेयर चुनाव में जो कुछ हुआ उसे पूरे देश ने देखा. ऑन रिकॉर्ड पर वीडियो रखी गई है. एजी ने कहा कि सिस्टम के साथ ऑफिसर ने फ्रॉड किया. बैलेट पेपर के साथ घपला किया गया है. उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ मेयर चुनाव में हाई कोर्ट के आदेशों की अवहेलना की गई है. मेयर चुनाव के दौरान जो कुछ हुआ वह पेन ड्राइव में है हाई कोर्ट उसे देख सकता है.
इसके साथ ही अदालत में सुनवाई के दौरान पंजाब के एजी ने कहा कि अनइलेक्टेड को इलेक्टेड कैसे बनाया जा सकता है. पहले तो प्रीसाइडिंग ऑफिसर अनिल मसीह देरी से आये फिर कुछ बैलेट पेपर पहले से ही मार्क्ड थे. वहां काउंटिंग एजेंट मौजूद थे लेकिन प्रीसाइडिंग ऑफिसर को आने नहीं दिया. बाद में 20 वोट में से आम आदमी पार्टी उम्मीदवार के 8 इनवैलिड (अमान्य) करार दिए गए. उन्होंने अदालत में पूछा कि हाई कोर्ट के आदेशों के बाद क्या ऐसी प्रैक्टिस को हम स्वीकृत कर सकते हैं, जबकि उन्होंने कहा था कि फ्री और फेयर चुनाव करवाए जाएंगे.