हरियाणा के IAS अशोक खेमका ने DLF लैंड डील की जांच पर उठाए सवाल, लिखा- "सुस्त जांच से पापियों की मौज" - IAS Ashok Khemka Raises Question - IAS ASHOK KHEMKA RAISES QUESTION
Haryana IAS Ashok Khemka Raises Question on Robert Vadra DLF Land Deal Case : हरियाणा के आईएएस अशोक खेमका ने रॉबर्ट वाड्रा-डीएलएफ लैंड डील केस की जांच पर सवाल उठाए हैं. आईएएस अशोक खेमका ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (X) पर पोस्ट करते हुए लिखा कि " वाड्रा-DLF सौदे की जांच सुस्त क्यों ? 10 साल हुए. और कितनी प्रतीक्षा. ढींगरा आयोग की रिपोर्ट भी ठंडे बस्ते में. पापियों की मौज. शासक की मंशा कमजोर क्यों ?. प्रधान मंत्री जी का देश को वर्ष 2014 में दिया गया वचन एक बार ध्यान तो किया जाए".
हरियाणा के IAS अशोक खेमका ने DLF लैंड डील की जांच पर उठाए सवाल
चंडीगढ़ :हरियाणा के आईएएस अशोक खेमका ने हरियाणा की बहुचर्चित डीएलएफ लैंड डील केस (DLF Land Deal Case) की जांच को लेकर फिर से सवाल उठाए हैं. आपको बता दें कि आईएएस अशोक खेमका ने ही कांग्रेस सरकार के वक्त कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा की डीएलएफ लैंड डील को लेकर सवाल खड़े किए थे और बीजेपी ने इसे चुनाव के दौरान राष्ट्रीय मुद्दा बना लिया था.
डीएलएफ लैंड डील केस की जांच पर सवाल
आईएएस अशोक खेमका ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (X) पर पोस्ट करते हुए डीएलएफ लैंड डील केस (DLF Land Deal Case) की जांच पर सवाल उठाए और लिखा है कि "वाड्रा-DLF सौदे की जांच सुस्त क्यों ? 10 साल हुए. और कितनी प्रतीक्षा. ढींगरा आयोग की रिपोर्ट भी ठंडे बस्ते में. पापियों की मौज. शासक की मंशा कमजोर क्यों ?. प्रधान मंत्री जी का देश को वर्ष 2014 में दिया गया वचन एक बार ध्यान तो किया जाए".
आपको बता दें कि ये कोई पहली बार नहीं है जब हरियाणा के आईएएस अशोक खेमका ने डीएलएफ लैंड डील केस की जांच को लेकर सवाल उठाए हो. बल्कि इससे पहले भी अशोक खेमका ने पिछले साल इस बारे में ट्वीट कर डीएलएफ लैंड डील की जांच को लेकर सवाल उठाए थे. अशोक खेमका ने अप्रैल 2023 में भी इस मामले में वित्तीय लेनदेन की जांच को लेकर सरकार की गठित की गई नई SIT पर भी सवाल खड़े किए थे. उन्होंने लिखा था कि " क्या घोटाले सिर्फ चुनावी मुद्दे तक सीमित रहेंगे ? जो घोटाले 2014 में मुख्य चुनावी मुद्दे बने, नौ साल बाद किसे दंड मिला ? करोड़ों खर्च हुए, लेकिन कमिशन फेल निकले. अब क्या पुलिस तहकीकात का भी यही हश्र होगा ? जिन्हें कटघरे में होना चाहिए था, वही हाकिम बने हुए हैं. ये कैसी न्याय नीति ?".
आईएएस अशोक खेमका ने ही रॉबर्ट वाड्रा-डीएलएफ लैंड डील को उजागर किया था. इसके बाद तत्कालीन सरकार ने उनका ट्रांसफर भी कर दिया था. बीजेपी ने साल 2014 के चुनाव में रॉबर्ट वाड्रा की डीएलएफ लैंड डील को चुनावी मुद्दा बना लिया था. लेकिन सत्ता में आने के बावजूद अब तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं होने पर अशोक खेमका का ये दर्द छलका है.