चंडीगढ़/करनाल: जब से तीन निर्दलीय विधायकों ने हरियाणा सरकार से समर्थन वापस लिया है. तब से हरियाणा में सियासी घमासान मचा है. विपक्ष का दावा है कि हरियाणा सरकार अल्पमत में है. तो वहीं सत्ता पक्ष का दावा है कि सरकार अल्पमत में नहीं है. किसी को चिंता करने की जरूरत नहीं. ताजा खबर ये है कि दुष्यंत चौटाला की लिखित चिट्ठी के बाद कांग्रेस ने राज्यपाल से मिलने का समय मांगा है. दरअसल हरियाणा के पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने नायब सैनी सरकार का फ्लोर टेस्ट करवाने की मांग की है. दुष्यंत चौटाला ने हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को इस बारे में चिट्ठी लिखी है.
दुष्यंत चौटाला ने राज्यपाल को लिखी चिट्ठी: जननायक जनता पार्टी के नेता दुष्यंत चौटाला ने कहा "फ्लोर टेस्ट के लिए हमने राज्यपाल को पत्र लिखा है. दो महीने पहले बनी सरकार अब अल्पमत में है, क्योंकि उन्हें समर्थन देने वाले दो विधायकों (एक बीजेपी से और दूसरा निर्दलीय विधायक) ने इस्तीफा दे दिया है. उनका समर्थन कर रहे तीन निर्दलीय विधायकों ने अपना समर्थन वापस ले लिया है. राज्यपाल को पत्र लिखकर साफ कहा है कि अगर इस सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जाता है, तो हम प्रस्ताव का समर्थन करेंगे. हमने इस बारे में राज्यपाल को पत्र भी लिखा है." दुष्यंत चौटाला ने कहा कि अब, कांग्रेस को ये कदम (फ्लोर टेस्ट की मांग) उठाना होगा. अगर बीजेपी के पास बहुमत नहीं है, तो तुरंत हरियाणा में राष्ट्रपति शासन लागू किया जाना चाहिए.
भूपेंद्र हुड्डा ने जेजेपी को दी थी नसीहत: इससे पहले दुष्यंत चौटाला ने नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा पर निशाना साधते हुए कहा था कि अगर कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव लाती है, तो जेजेपी उसका समर्थन करेगी. इसके बाद भूपेंद्र हुड्डा ने पलटवार करते हुए कहा कि जेजेपी सरकार की बी(B) टीम है. हुड्डा ने कहा है कि अगर जेजेपी सरकार को गिराने में कांग्रेस को समर्थन देने की बात कह रही है, तो वो पहले अपने दिए गए बयान को लिखित में दे. तब कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल सरकार गिराने के लिए आगे के कदम उठाएगा. इसके बाद दुष्यंत चौटाला ने लिखित में हरियाणा के राज्यपाल से बीजेपी सरकार का फ्लोर टेस्ट करवाने की मांग की है.