उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / bharat

उत्तराखंड में पहली बार 'शूट एट साइट', क्या होता है इसका मतलब, जानिये कब, कौन देता है आदेश?

First shoot at site in Uttarakhand, Shoot at site in Haldwani violence हल्द्वानी हिंसा के बाद उत्तराखंड में पहली बार देखते ही गोली मारने के आदेश दिये गये. आखिर ये आदेश कौन देता है? क्या होता है शूट एट साइट, जानिए.

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 9, 2024, 10:08 PM IST

Updated : Feb 10, 2024, 12:34 PM IST

Shoot at site in Haldwani violence
क्या होता है शूट एट साइट

देहरादून (उत्तराखंड): पहाड़ी जिले नैनीताल के हल्द्वानी शहर में हुई हिंसा की चर्चा देशभर में की जा रही है. अब तक हल्द्वानी बनभूलपुरा हिंसा में पांच लोगों की मौत हो गई है. इस मामले में पुलिस भी एक्शन में है. अबतक 5 हजार लोगों पर मुकदमा दर्ज किया जा चुका है. 19 नामजद में से 5 को अरेस्ट किया गया है. इसके साथ ही उपद्रवियों पर NSA लगाने की तैयारी है. इस मामले में धामी सरकार शुरू से हीसख्त नजर आ रही है. हल्द्वानी में हिंसा बढ़ने की सूचना के बाद शूट एट साइट का आदेश दिया गया. आखिर क्या होता है शूट एट साइट का आदेश, कौन इसके आदेश देता है? किस कानून के तहत कार्रवाई होती है? आपको बताते हैं.

हल्द्वानी हिंसा के बाद बल तैनात

शूट एट साइट का अर्थ: शूट एट साइट का सीधा मतलब देखते ही गोली मारने के आदेश से है. हालात काबू से बाहर होने के दौरान ही शूट एट साइट का ऑर्डर दिया जाता है. दंगा, आगजनी में अक्सर ऐसे हालात बन जाते हैं, जब ऐसे ऑर्डर दिए जाते हैं. इस आदेश में सुरक्षाबलों, पुलिसकर्मियों को हालात के मद्देनजर बिना किसी चेतावनी या बिना किसी गिरफ्तारी करने की कोशिश करे गोली मारने के आदेश दिए जाते हैं. शूट एट साइट का मतलब किसी को जान से मारने से नहीं होता है. ये आदेश केवल हालातों को काबू करने के परिपेक्ष में दिया जाता है.इसमें हालातों को सुनिश्चिचत किया जाता है. ये रेयर ऑर्डर शांति और सुरक्षा के खतरे को देखते हुए किया जाता है.

हल्द्वानी हिंसा

सीआरपीसी में है प्रावधान: शूट एट साइट का ऑर्डर राज्य सरकार द्वारा अमल में लाया जाता है. सीआरपीसी की धारा 1973 की धारा 41 से 60, धारा 149-152 के तहत गिरफ्तारी, अपराधों की रोकथाम या फिर गैरकानूनी सभाओं को भंग करने से संबंधित शक्तियों के लिए शूट एंड साइट का ऑर्डर दिया जाता है.

उत्तराखंड में पहली बार 'शूट एट साइट'

राज्य सरकार के पास अधिकार:आमतौर पर शूट एंड साइट का ऑर्डर किसी क्षेत्र में हिंसा या संवेदनशील स्थिति को ध्यान में रखकर दिया जाता है. ऐसी परिस्थिति में सरकार प्रशासन को शूट एट साइट का ऑर्डर देती है. कई बार मौके पर मौजूद मजिस्ट्रेट या पुलिस अधिकारी के पास भी यह अधिकार होता है, जिसमें वह भीड़ को गैर-कानूनी घोषित कर सकता है.

हल्द्वानी हिंसा के बाद तनाव

इसमें भीड़ या प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए फायर आर्म्स का प्रयोग शामिल है. टियर गैस, रबर बुलेट, लाठीचार्ज, वॉटर कैनन या हिंसक होने पर गोली भी चलाई जाती है. शूट एट साइट का इस्तेमाल हालातों को बिगड़ने से बचाने के लिए किया जाता है. इस दौरान बल प्रयोग, लाठी चार्ज सभी का फैसला सभी कानूनी प्रक्रिया से लिया जाता है. शूट एट साइट का आदेश भीड़ को तितर बितर करने के लिए किया जाता है. ऐसा आदेश तब ही दिया जाता है जब इसके अलावा कोई दूसरा रास्ता न बचा हो.

ये भी पढ़ें-

Last Updated : Feb 10, 2024, 12:34 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details