ग्वालियर : जंग का मैदान हो या खेल का, चंबल की बेटियां किसी से कम नहीं हैं क्योंकि चंबल की बदलती सूरत में अब बेटियां चार चांद लगा रही हैं. खेल जगत में ग्वालियर चंबल अंचल का फिर मान बढ़ा है और इसका श्रेय जाता है ग्वालियर की बेटी वैष्णवी शर्मा को. वैष्णवी मलेशिया में आयोजित होने वाले अंडर 19 वूमन क्रिकेट वर्ल्ड कप 2025 में भारत की ओर से खेलेंगी. उनके भारतीय अंडर-19 वुमन्स क्रिकेट टीम में सिलेक्शन की खबर आने के बाद से परिवार में खुशी का माहौल बना हुआ है. इस खुशी को वैष्णवी के परिवार ने ईटीवी भारत से बातचीत में साझा किया.
चार साल की उम्र से खेल रहीं वैष्णवी शर्मा
चार साल की उम्र से क्रिकेट खेल रहीं वैष्णवी शर्मा के सिलेक्शन की खबर आने के बाद से ही उनके परिवार में खुशी का माहौल है क्योंकि इस मुकाम पर वैष्णवी को पहुंचाने में उनके माता पिता का बहुत बड़ा हाथ है. जिस चंबल में बेटियां कभी घर से नहीं निकल पाती थीं, उस क्षेत्र में अपनी बेटी को खेल जगत में आगे बढ़ाने में जो सपोर्ट उन्हें माता पिता से मिला है, वह यहां के लोगों के लिए एक मिसाल है.
'इस पल को बयां करना मुश्किल'
वैष्णवी की मां आशालता शर्मा गृहणी हैं और हर मां की तरह उन्होंने भी अपनी बेटी का हर मोड़ पर साथ दिया. ETV भारत से बातचीत करते हुए आशालता शर्मा ने बताया, '' इस बात की बहुत खुशी है कि बेटी ने हमारा नाम रोशन किया है. जब वैष्णवी के भारतीय क्रिकेट टीम में वर्ल्ड कप के लिए सिलेक्शन की खबर आई तो उस पल और खुशी को बयां करना बहुत मुश्किल था. हम दोनों ने ही उसे हमेशा प्रोत्साहित किया है कि वे खेलकर आगे बढ़ें. हमने हर कदम पर उसका साथ दिया है और हम यह चाहते हैं कि आने वाले समय में भी जो बेटियां खेल में आगे बढ़ना चाहती हैं, उनके परिवार उनका साथ दें और उन्हें आगे बढ़ाने में अपना समर्थन दिखाएं.''
बचपन में ही पिता ने देख लिया था भविष्य
वैष्णवी के पिता डॉ. नयन शर्मा ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय में एस्ट्रोलॉजर हैं और बीते 17 वर्षों से ज्योतिष पढ़ा रहे हैं. डॉ नयन शर्मा ने बातचीत में बताया, '' जब बेटी की कुंडली बचपन में देखी थी तो चार साल की उम्र में ही उसे क्रिकेट की ओर बढ़ा दिया था. वह उस समय से ही ग्वालियर तानसेन क्रिकेट अकेडमी की ओर से खेल रही थी.''