नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने प्रसारण सेवा विधेयक वापस ले लिया है. इस बारे में कहा गया है कि प्रसारण सेवा विनियमन विधेयक का नया मसौदा विचार-विमर्श के बाद जारी किया जाएगा. इसके लिए 15 अक्टूबर तक सरकार ने सुझाव मांगे हैं.
बता दें कि सरकार ने पिछले साल नवंबर में प्रसारण सेवा (विनियमन) विधेयक 2023 का मसौदा जारी किया था. हालांकि इसका उद्देश्य प्रसारण क्षेत्र के लिए एक समेकित कानूनी ढांचा लाने के अलावा ओटीटी (डिजिटल मंच) सामग्री, डिजिटल न्यूज और समसामयिक मामलों को भी इसके क्षेत्र में लाना था. वहीं इसका दूसरा मसौदा इसी साल जुलाई में तैयार किया गया.
इस बारे में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद के सत्र में प्रस्तावित किया था. इस दौरान उन्होंने मीडिया संगठनों के मसौदे के प्रावधानों को लेकर चिंता जताई थी. गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए नए ब्रॉडकास्टिंग सर्विसेज (रेगुलेशन) बिल के कई प्रावधानों पर चिंता व्यक्त की जा रही थी.
वहीं सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है, 'हम ब्रॉडकास्टिंग सर्विस (रेगुलेशन) बिल के ड्राफ्ट पर काम कर रहे हैं. इसके अलावा इस विधेयक के ड्राफ्ट को हितधारकों और आम जनता की टिप्पणियों के लिए 10 नवंबर 2023 को सार्वजनिक डोमेन में रखा गया था. साथ ही कहा गया है कि हमें विभिन्न हितधारकों की ओर से कई सिफारिशें, टिप्पणियां और सुझाव मिले थे. इस संबंध में मंत्रालय विधेयक के ड्राफ्ट पर हितधारकों के साथ बातचीत कर रहा है. सुझाव और टिप्पणियों के लिए 15 अक्टूबर, 2024 तक के लिए समय प्रदान किया जा रहा है. विस्तृत रूप से विचार-विमर्श के बाद बिल का एक नया ड्राफ्ट प्रकाशित किया जाएगा.
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