गोरखपुर :गोरखपुर लोकसभा सीट पर सातवें चरण में एक जून को वोटिंग होनी है. 14 मई यानी कि कल नामांकन की अंतिम तारीख है. इस बार यहां से अनोखा प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतरने जा रहा है. नामांकन से पहले ही उन्होंने अपना चुनाव कार्यालय राप्ती नदी के श्मशान घाट पर खोल दिया है. राजन यादव उर्फ अर्थी बाबा के नाम का यह शख्स पिछले 2 दशक से गोरखपुर से लेकर दिल्ली के अलावा कई अन्य शहरों में विभिन्न मुद्दों को लेकर आंदोलन करता रहा है. राजन यादव एमबीए (इंटरनेशनल मार्केटिंग) की डिग्री के बाद नौकरी न कर सामाजिक परिवर्तन के उद्देश्य से विभिन्न राजनीतिक मंचों का सहारे लेते रहे हैं. वह पहले भी वाराणसी, गोरखपुर समेत अन्य जगहों से चुनाव लड़ चुके हैं. हालांकि उन्हें कभी जीत नहीं मिली. विधानसभा हो या लोकसभा, विधान परिषद हो या राष्ट्रपति का चुनाव, हर चुनाव में वह मैदान में उतर चुके हैं. इसके लिए वह कई नौकरी भी छोड़ चुके हैं.
अर्थी बाबा का कहना है कि श्मशान घाट ही उनका चुनावी कार्यालय होगा. यहां आने वाले लोगों से वह एक-एक रुपए का सहयोग लेकर चुनाव का खर्च उठाएंगे. यहां जो आत्माएं होंगी वहीं उनकी एजेंट होंगी. 14 मई को वह अर्थी पर बैठकर नामांकन करे जाएंगी. गोरखपुर की धरती पर कोई बाहरी और फिल्मी दुनिया के लोग चुनाव जीते यह गोरखपुर के लिए ठीक नहीं है. यहां उस व्यक्ति को चुनाव लड़ना चाहिए, जीतना चाहिए जो यहां की समस्याओं के बारे में जानता हो.
अर्थी बाबा ने कहा कि मुझे भले भी अभी तक गोरखपुर की जनता ने जीत नहीं दिलाई, लेकिन श्मशान घाट से मैंने कई आंदोलन किए. इसके बाद गोरखपुर में एम्स बना, फर्टिलाइजर का खाद कारखाना खुला, राप्ती नदी तट पर बढ़िया घाट बना, अन्य कई काम हुए. योगी आदित्यनाथ जब मुख्यमंत्री बने तो हमने उनके समक्ष कई प्रस्ताव रखा, उसे उन्होंने माना भी. मौजूदा समय में लोकतंत्र की हत्या हो रही है. लोकतंत्र की अर्थी निकल रही है.