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मौनी अमावस्या पर महाकुंभ में मातम, देखें VIDEO; प्रत्यक्षदर्शी श्रद्धालुओं से जानिए- कैसे मची भगदड़, क्या वजह रही? - PRAYAGRAJ MAHAKUMBH STAMPEDE

मेला श्रद्धालुओं की आंखोदेखी- अचानक बढ़ गई भीड़, धक्का-मुक्की होने से मची भगदड़, लोग एक दूसरे पर गिरते और कुचलते रहे

महाकुंभ में मची भगदड़ के बाद  प्रत्यक्षदर्शियों ने बताए हालात.
महाकुंभ में मची भगदड़ के बाद प्रत्यक्षदर्शियों ने बताए हालात. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 29, 2025, 8:29 AM IST

Updated : Jan 29, 2025, 1:07 PM IST

प्रयागराजः महाकुंभ में मौनी अमावस्या के मौके पर बुधवार भोर भगदड़ के बाद हर तरफ चीख-पुकार मच गई. भीड़ का दबाव इतना कि श्रद्धालु बेहाल नजर आए. इस हादसे में कई लोगों की मौत हुई है, जबकि 50 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं. आखिर यह भगदड़ किस वजह से हुई, जानिए- मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान के लिए प्रयागराज महाकुंभ पहुंचे प्रत्यक्षदर्शियों की आंखोंदेखी...

महाकुंभ में मची भगदड़ के बाद प्रत्यक्षदर्शियों ने बताए हालात. (Video Credit; ETV Bharat)

कर्नाटक से आईं सरोजनी बताती हैं कि वह 9 लोगों के ग्रुप में आई हैं. संगम पर स्नान के दौरान अचानक धक्कामुक्की होने लगी. भीड़ इतनी थी कि लगा जैसे सांसें बंद हो गईं. उनके साथ के 2-3 लोग घायल हुए हैं. बिलखते हुए सरोजनी कहती हैं, पता होता कि ऐसा होगा तो महाकुंभ में आते ही नहीं. सरोजनी ने अपने घर फोन कर भी आपबीती परिजनों को बताई. महिला लगातार रोते ही जा रही थी.

इसी तरह मध्य प्रदेश के छतरपुर से आए जयप्रकाश हालात से बदहवास दिखे. उन्होंने बताया कि एकदम से भीड़ आई. कोई मदद नहीं मिली. भगदड़ मची तो सभी लोग दब गए. पहले वे खुद बाहर निकले. उनके साथ बच्चे भी थे, बच्चों को निकाला. उनकी मां हास्पिटल में भर्ती हैं. उनका सामान छूट गया. कुल 6 लोग संगम स्नान के लिए आए थे. मां की हालत कैसी है, ये पता नहीं है.

जब भगदड़ मची तो कोलकाता से आई कृष्णा प्रसाद भी वहीं थीं. वह बताती हैं कि 4 लोगों की तो पानी में ही मौत हो गई. बच्चे खो गए. वैसे पुलिस ने काफी मदद की. बहुत-बहुत भीड़ थी. लोग जैसे पागल हो गए. धक्का-मुक्की के चलते भगदड़ मच गई. कितने लोग बीमार हो गए. मेरे सामने ये हुआ. बताया कि उनकी आंटी और एक दोस्त आए थे. आंटी खो गईं. गले का हार खो गया. ढूंढ़ रहे हैं, पता नहीं मिलेगा कि नहीं.

महाकुंभ की पल-पल की अपडेट के लिए पढ़ें: भगदड़ में कई श्रद्धालुओं की मौत होने की आशंका, मौनी अमावस्या पर प्रयागराज में उमड़े करोड़ों लोग, प्रशासन की अपील- जल्द मेला क्षेत्र से बाहर जाएं लोग - MAHA KUMBH MELA 2025

मेले में व्यवस्था के लिए लगाए गए दो कर्मियों ने बताया कि उन्होंने 8 से 12 एंबुलेंस को पास कराया. लोगों को बचाया. भगदड़ मच गई. भीड़ इतनी थी कि कोई पैर तक नहीं हिला सका. एक दो गिरे तो एक पर एक लोग गिरते गए. एंबुलेंस तुरंत आई. रास्ता क्लीयर किया. भगदड़ की चपेट में बहुत ज्यादा लोग चपेट में आए. लोगों का सामान छूट गया. इसे लेने के लिए लोग लौट रहे हैं. कोशिश कर रहे हैं कि उनको उनका सामान वापस कराएं.

इसी तरह से पश्चिम बंगाल से आए रोहित बताते हैं कि जब वे सभी लोग स्नान करने के लिए जा रहे थे भीड़ का दबाव आया. उनकी नानी को चक्कर आ गया. साथ में नाना भी थे. कुल 14 लोग थे..

यह भी पढ़ें : मौनी अमावस्या पर महाकुंभ में भगदड़; अखाड़ों ने रद्द किया अमृत स्नान, कई संतों-महामंडलेश्वर ने गंगा घाट पर डुबकी लगा परंपरा निभाई - MAHAKUMBH STAMPEDE

पश्चिम बंगाल से आई एक महिला श्रद्धालु ने बताया कि कुछ लोगों में झगड़ा हुआ. मेरी मां गिर गईं. एकदम से भीड़ बढ़ी और और लोग गिरने लगे. कोई मदद नहीं कर रहा था. सभी लोग दब गए.

सतना से आईं मंजू देवी ने बताया कि संगम नहाने आए थे. बैरीकेडिंग के साइड में चल रहे थे, तभी पीछे से भीड़ का रेला आया और धक्का दे दिया. हम नीचे गिर गए. सीने पर पैर रखकर दो लोग गुजर गए. एक बार लगा कि अब तो गए. अब जान नहीं बचेगी. हमने अपनी सांसें रोककर गंगा मइया की आराधरा शुरू की. गंगा मइया ने एक पुलिस वाले को देवदूत बनाकर भेज दिया. हमें वहां से उठाकर किनारे लाए. गंगा मइया की कृपा है, जो हम बच गए.

प्रयागराजः महाकुंभ में मौनी अमावस्या के मौके पर बुधवार भोर भगदड़ के बाद हर तरफ चीख-पुकार मच गई. भीड़ का दबाव इतना कि श्रद्धालु बेहाल नजर आए. इस हादसे में कई लोगों की मौत हुई है, जबकि 50 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं. आखिर यह भगदड़ किस वजह से हुई, जानिए- मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान के लिए प्रयागराज महाकुंभ पहुंचे प्रत्यक्षदर्शियों की आंखोंदेखी...

महाकुंभ में मची भगदड़ के बाद प्रत्यक्षदर्शियों ने बताए हालात. (Video Credit; ETV Bharat)

कर्नाटक से आईं सरोजनी बताती हैं कि वह 9 लोगों के ग्रुप में आई हैं. संगम पर स्नान के दौरान अचानक धक्कामुक्की होने लगी. भीड़ इतनी थी कि लगा जैसे सांसें बंद हो गईं. उनके साथ के 2-3 लोग घायल हुए हैं. बिलखते हुए सरोजनी कहती हैं, पता होता कि ऐसा होगा तो महाकुंभ में आते ही नहीं. सरोजनी ने अपने घर फोन कर भी आपबीती परिजनों को बताई. महिला लगातार रोते ही जा रही थी.

इसी तरह मध्य प्रदेश के छतरपुर से आए जयप्रकाश हालात से बदहवास दिखे. उन्होंने बताया कि एकदम से भीड़ आई. कोई मदद नहीं मिली. भगदड़ मची तो सभी लोग दब गए. पहले वे खुद बाहर निकले. उनके साथ बच्चे भी थे, बच्चों को निकाला. उनकी मां हास्पिटल में भर्ती हैं. उनका सामान छूट गया. कुल 6 लोग संगम स्नान के लिए आए थे. मां की हालत कैसी है, ये पता नहीं है.

जब भगदड़ मची तो कोलकाता से आई कृष्णा प्रसाद भी वहीं थीं. वह बताती हैं कि 4 लोगों की तो पानी में ही मौत हो गई. बच्चे खो गए. वैसे पुलिस ने काफी मदद की. बहुत-बहुत भीड़ थी. लोग जैसे पागल हो गए. धक्का-मुक्की के चलते भगदड़ मच गई. कितने लोग बीमार हो गए. मेरे सामने ये हुआ. बताया कि उनकी आंटी और एक दोस्त आए थे. आंटी खो गईं. गले का हार खो गया. ढूंढ़ रहे हैं, पता नहीं मिलेगा कि नहीं.

महाकुंभ की पल-पल की अपडेट के लिए पढ़ें: भगदड़ में कई श्रद्धालुओं की मौत होने की आशंका, मौनी अमावस्या पर प्रयागराज में उमड़े करोड़ों लोग, प्रशासन की अपील- जल्द मेला क्षेत्र से बाहर जाएं लोग - MAHA KUMBH MELA 2025

मेले में व्यवस्था के लिए लगाए गए दो कर्मियों ने बताया कि उन्होंने 8 से 12 एंबुलेंस को पास कराया. लोगों को बचाया. भगदड़ मच गई. भीड़ इतनी थी कि कोई पैर तक नहीं हिला सका. एक दो गिरे तो एक पर एक लोग गिरते गए. एंबुलेंस तुरंत आई. रास्ता क्लीयर किया. भगदड़ की चपेट में बहुत ज्यादा लोग चपेट में आए. लोगों का सामान छूट गया. इसे लेने के लिए लोग लौट रहे हैं. कोशिश कर रहे हैं कि उनको उनका सामान वापस कराएं.

इसी तरह से पश्चिम बंगाल से आए रोहित बताते हैं कि जब वे सभी लोग स्नान करने के लिए जा रहे थे भीड़ का दबाव आया. उनकी नानी को चक्कर आ गया. साथ में नाना भी थे. कुल 14 लोग थे..

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पश्चिम बंगाल से आई एक महिला श्रद्धालु ने बताया कि कुछ लोगों में झगड़ा हुआ. मेरी मां गिर गईं. एकदम से भीड़ बढ़ी और और लोग गिरने लगे. कोई मदद नहीं कर रहा था. सभी लोग दब गए.

सतना से आईं मंजू देवी ने बताया कि संगम नहाने आए थे. बैरीकेडिंग के साइड में चल रहे थे, तभी पीछे से भीड़ का रेला आया और धक्का दे दिया. हम नीचे गिर गए. सीने पर पैर रखकर दो लोग गुजर गए. एक बार लगा कि अब तो गए. अब जान नहीं बचेगी. हमने अपनी सांसें रोककर गंगा मइया की आराधरा शुरू की. गंगा मइया ने एक पुलिस वाले को देवदूत बनाकर भेज दिया. हमें वहां से उठाकर किनारे लाए. गंगा मइया की कृपा है, जो हम बच गए.

Last Updated : Jan 29, 2025, 1:07 PM IST
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