श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने पुलिस से गांदरबल में हुए आतंकवादी हमले के गुनहगारों को पकड़ने और उन्हें पूरी ताकत से दंडित करने को कहा है. रविवार 20 अक्टूबर को हुए आतंकी हमले में एक डॉक्टर सहित सात लोग मारे गए.
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सोमवार को श्रीनगर के एसकेआईएमएस अस्पताल का दौरा किया और आतंकी हमले में घायल हुए नागरिकों का हालचाल जाना.
श्रीनगर में सशस्त्र पुलिस परिसर में पुलिस स्मृति दिवस समारोह में बोलते हुए सिन्हा ने हत्याओं की निंदा की और कहा कि कोई भी देश निर्दोष लोगों की हत्याओं को बर्दाश्त नहीं कर सकता. उन्होंने मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की.
सिन्हा ने कहा, "निर्दोष लोगों की जानें गईं और इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. मैं पुलिस से इस जघन्य कृत्य के लिए जिम्मेदार लोगों को ढूंढने और उन्हें कड़ी सजा देने का आग्रह करता हूं."
रविवार शाम को आतंकवादियों ने गांदरबल के गगनगीर में एक निर्माणाधीन परियोजना के पास गोलीबारी की, जिसमें बडगाम के एक डॉक्टर और छह मजदूरों की मौत हो गई. हमले के दौरान कई अन्य लोग भी घायल हुए.
सिन्हा ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में निरंतर सतर्कता की आवश्यकता पर जोर दिया और क्षेत्र में आतंकवाद के खतरे से निपटने के लिए पुलिस, सेना और केंद्रीय बलों से एकजुट होकर प्रयास करने का आह्वान किया.
पड़ोसी देश पाकिस्तान के आतंकियों द्वारा उत्पन्न मौजूदा खतरे के खिलाफ चेतावनी देते हुए उन्होंने दावा किया कि वे जम्मू-कश्मीर में शांति को अस्थिर करने की कोशिश में लगे हुए हैं. सिन्हा ने कहा, "हमारे पड़ोसी देश से आतंकवाद का खतरा अभी भी कम नहीं हुआ है. जम्मू-कश्मीर में शांति को अस्थिर करने के प्रयास अभी भी जारी हैं. हमें उन लोगों से सतर्क रहना चाहिए, जो क्षेत्र में शांतिपूर्ण माहौल को खराब करने की कोशिश कर रहे हैं."
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सोमवार को शशि अबरोल के परिवार से मुलाकात की.गांदरबल जिले में रविवार शाम को हुए आतंकवादी हमले में मारे गए सात लोगों में से वे भी एक थे.
मृतकों के परिवारों को 21-21 लाख रुपये का मुआवजा
वहीं, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने गगनगीर आतंकी हमले में मारे गए लोगों के परिवारों को 21-21 लाख रुपये की तत्काल वित्तीय सहायता देने का सोमवार को आदेश दिया. जम्मू-कश्मीर प्रशासन द्वारा जारी एक बयान में सिन्हा ने गृह विभाग के प्रधान सचिव चंद्राकर भारती को सहायता जारी करने में तेजी लाने का निर्देश दिया. निजी कंपनी APCO इंफ्राटेक को भी मारे गए लोगों के परिवारों को जल्द से जल्द मुआवजा देने का निर्देश दिया गया है.
निर्देश के अनुसार, प्रत्येक मृतक नागरिक के परिवारजनों को राज्य राहत कोष (एसआरई) से 6 लाख रुपये और APCO इंफ्राटेक से 15 लाख रुपये मिलेंगे. घायल लोगों को 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि मिलेगी. इसके अतिरिक्त, APCO इंफ्राटेक अपनी कॉर्पोरेट पर्सनल एक्सीडेंट पॉलिसी के तहत आगे की वित्तीय सहायता प्रदान करेगी. इसके तहत मृतकों के परिवारों को पांच साल का सकल वेतन (CTC) दिया जाएगा. कंपनी की कर्मचारी मुआवजा नीति के तहत मजदूरों और तीसरे पक्ष के कर्मचारियों को मुआवजा दिया जाएगा.
उपराज्यपाल सिन्हा ने बयान में कहा, "हालांकि इस नुकसान की भरपाई पैसे से नहीं की जा सकती, लेकिन हम यह सुनिश्चित करने के लिए हर कदम उठा रहे हैं कि शहीद नागरिकों के परिवारों को वित्तीय सहायता मिले और वे सम्मानजनक जीवन जी सकें."
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