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फंस गया बाहुबली! 4 साल पुराने मामले में पूर्व बसपा सांसद धनंजय सिंह को 7 साल कैद; 13 साल तक नहीं लड़ सकेंगे चुनाव - जौनपुर में एमपी एमएलए कोर्ट

बुधवार को जौनपुर में एमपी-एमएलए कोर्ट ने 4 साल पुराने अपहरण और रंगदारी के मामले में सात साल कैद सजा ( Former MP Dhananjay Singh sentenced) सुनाई. साथ ही अदालत ने 75 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया. उच्च अदालत से राहत मिलने तक वो लोकसभा चुनाव नहीं लड़ पाएंगे.

Etv Bharat अपहरण और रंगदारी के मामले में पूर्व सांसद धनंजय सिंह को सजा
Etv Bharat Former MP Dhananjay Singh sentenced in kidnapping and extortion case Jaunpur MP MLA Court Verdict

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 6, 2024, 4:28 PM IST

Updated : Mar 6, 2024, 6:58 PM IST

जानकारी देते संदीप कुमार पांडेय

जौनपुर: एमपी-एमएलए कोर्ट ने अपहरण और रंगदारी का मामले में पूर्व बसपा सांसद धनंजय सिंह को सात साल कैद की सजा ( Jaunpur MP MLA Court Verdict) सुनायी. अदालत ने कुल 75 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया है. धनंजय सिंह को पूर्वांचल को बाहुबली नेता माना जाता है और वह इस बार लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में थे. चूंकि सजा 2 साल से अधिक की हुई है, ऐसे में जब तक ऊंची अदालत से कोई राहत न मिले, उनके इस मंसूबे पर पानी फिरता नज़र आ रहा है. माफिया डॉन पर से 40 अधिक मामले दर्ज हैं. कई में वह बरी हो चुका है. अब पहली बार उसे किसी मामले में सजा हुई है.

अदालत का आदेश

सजा सुनाए जाने के बाद पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने कहा कि उनको लोकसभा चुनाव लड़ने से रोकने के लिए ये साजिश की गयी है. अदालत ने कुल 75 हजार जुर्माना लगाया है. इसमें अपहरण के मामले में 50 हजार रुपये और रंगदारी के मामले में 25 हजार जुर्माना अदालत ने लगाया है. दरअसल, मुजफ्फरनगर में नमामि गंगे के परियोजना प्रबंधक अभिनव सिंघल ने 10 मई 2020 को लाइन बाजार थाने में अपहरण और रंगदारी के मामले में पूर्व सांसद धनंजय सिंह और उनके साथी संतोष विक्रम के खिलाफ FIR दर्ज करायी थी. संतोष विक्रम ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर अभिनव सिंघल का अपहरण किया था. इसके बाद उनको पूर्व सांसद धनंजय सिंह के आवास पर ले गया था.

सजा सुनाए जाने के बाद जेल जाते पूर्व सांसद धनंजय सिं

वहां पूर्व सांसद धनंजय सिंह पिस्टल लेकर मौजूद थे. उन्होंने अभिनव सिंघल को धमकाया और कम गुणवत्ता वाली सामग्री की आपूर्ति करने के लिए दबाव बनाया. जब अभिनव ने इनकार कर दिया, तो धमकी दी और रंगदारी मांगी. इस सिलसिले में मंगलवार को पूर्व सांसद धनंजय सिंह (Dhananjay Singh Sentenced in Jaunpur) और उसके सहयोगी संतोष विक्रम को अपहरण और रंगदारी मामले में अपर सत्र न्यायाधीश शरद त्रिपाठी ने दोषी करार दिया. धनंजय सिंह को सजा सुनाए जाने के बाद कोर्ट में पुलिस और पत्रकारों के बीच जमकर धक्का-मुक्की हुई. इस दौरान कई पत्रकारों के मोबाइल टूट गये. पुलिस ने पत्रकारों पर बल प्रयोग किया. साथ ही पूर्व सांसद धनंजय सिंह को जेल भेज दिया गया.

बड़ी अदालत से राहत नहीं मिली तो 13 साल तक नहीं लड़ पाएंगे इलेक्शन

भारतीय लोक प्रतिनिधित्व कानून(The Representation of the People Act, 1951) के एक प्रावधान के मुताबिक किसी भी नेता या जनप्रतिनिधि को किसी भी अदालत की ओर से यदि दो या दो साल से अधिक की सजा होती है तो सजा की अवधि पूरी होने से छह साल बाद तक वह व्यक्ति कोई भी चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य होगा। इस लिहाज से धनंजय सिंह तकरीबन 13 सालों तक इलेक्शन नहीं लड़ सकते बशर्ते कोई बड़ी अदालत उन्हें राहत न दे दे. धनंजय सिंह इस बार जौनपुर सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे, पर ताजा फैसले से उन्हें करारा झटका लगा है. हालांकि, यह भी स्पष्ट है कि उनकी ओर से इस सजा को ऊपरी अदालत में चुनौती दी जाएगी.

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Last Updated : Mar 6, 2024, 6:58 PM IST

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