बिहार

bihar

ETV Bharat / bharat

चारा घोटाला की सुनवाई करने वाले सेवानिवृत जज सुधांशु कुमार लाल को बड़ी राहत - PATNA HIGH COURT

15 साल की लंबी लड़ाई के बाद पूर्व जज सुधांशु कुमार लाल को बड़ी राहत मिली है. क्या है पूरा मामला आगे पढ़ें खबर.

कॉसेप्ट फोटो
कॉसेप्ट फोटो (Etv Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Dec 4, 2024, 4:18 PM IST

पटना :पटना हाईकोर्ट ने बिहार में पटना के सीबीआई विशेष जज के रूप में चारा घोटाला की सुनवाई करने वाले सेवानिवृत जज सुधांशु कुमार लाल को बड़ी राहत दी. चीफ जस्टिस केवी चन्द्रन की खंडपीठ ने पूर्व जज सुधांशु कुमार लाल की याचिका पर सभी पक्षों को सुनने के बाद पटना हाईकोर्ट प्रशासन के 7 दिसंबर 2009 के आदेश को रद्द कर दिया.

साल 2004 से अनुशासनात्मक कार्रवाई :इस आदेश के द्वारा जज लाल के सुपर टाइम वेतनमान को एक साल के लिए स्थगित कर दिया गया था. इसका प्रतिकूल प्रभाव उनके पेंशन और सेवानिवृत लाभों पर पड़ा. सेवानिवृत जज लाल के विरुद्ध 11 फरवरी 2004 को अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की गयी. उनपर ये आरोप था कि उन्होंने हाईकोर्ट प्रशासन को बिना उचित रूप से सूचित किये मुख्यालय से बाहर गये.

पटना हाईकोर्ट (Etv Bharat)

आदेश के खिलाफ HC में याचिका : साथ ही उन्होंने पटना हाईकोर्ट के एक जज के शपथग्रहण समारोह में गुप्त रूप से भाग लिया था. इन मामलों में हाईकोर्ट प्रशासन ने दोषी करार देते हुए दंडित किया था. इस आदेश को चुनौती देते हुए पूर्व जज लाल ने पटना हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर की.

पूर्व जज सुधांशु कुमार लाल को बड़ी राहत :इन याचिकायों पर सुनवाई के दौरान वरीय अधिवक्ता जीतेन्द्र सिंह ने कोर्ट को बताया कि आरोपों की पुष्टि के लिए जांच अधिकारी के समक्ष किसी गवाह को प्रस्तुत नहीं किया गया. उन्होंने बताया कि अवैध रूप से आरोपों को साबित कर दिया गया, फिर उन्हें दंडित किया गया. कोर्ट ने सभी पक्षों की बहस सुनने के बाद उनके पक्ष में निर्णय दिया. कोर्ट ने उनके विरुद्ध हाईकोर्ट प्रशासन द्वारा 7 दिसम्बर 2009 के आदेश को रद्द कर दिया.

'सेवा शर्तों में सुपर टाइम वेतनमान लागू किया जाए' :कोर्ट ने रजिस्ट्रार जनरल को निर्देश दिया कि पूर्व जज सुधांशु कुमार लाल के पेंशन और सेवानिवृत लाभों की पुनर्गणना कर उनकी सेवा शर्तों में सुपर टाइम वेतनमान का लागू किया जाये. साथ ही कोर्ट ने एक अन्य मामलें में बेगूसराय में जिला जज के रूप में उनके कार्य की निंदा के मामले में दी गयी सजा को रद्द नहीं किया.

ये भी पढ़ें :-

नवादा अग्निकांड पर पटना हाईकोर्ट में हुई सुनवाई, कोर्ट ने दिये ये निर्देश

बिल्डर को पटना HC से झटका, अदालत ने रेरा के आदेश को बरकरार रखा

फार्मेसी शिक्षकों को हाई कोर्ट से झटका, रिटायरमेंट की उम्र 67 करने की याचिका खारिज

ABOUT THE AUTHOR

...view details