देहरादून: सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में विद्युत व्यवस्था न केवल इंसानों बल्कि वन्य जीवों के लिए भी खतरा बन गई है. हाल ही में हुई एक घटना के बाद अब वन विभाग ने इस मामले पर दिशा-निर्देश जारी किए हैं. जानकारी के लिए बता दें कि हाल ही में एक भालू और उसके बच्चे की करंट लगने से मौत हुई थी. ऐसे में वन मुख्यालय ने पूरे प्रदेश में लापरवाही या जानबूझकर करंट लगने से मौत के मामले में सख्ती बरतने के संकेत दिए हैं.
वन विभाग ने जारी किए दिशा-निर्देश:उत्तराखंड वन मुख्यालय में वन्य जीव कार्यालय से जारी हुए दिशा निर्देशों ने करंट लगने से मौत के मामलों पर सख्ती बरतने के संकेत दे दिए हैं. दरअसल, चमोली जिले के गोपेश्वर में कुछ दिन पहले ही नमामि गंगे के तहत बने सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में करंट लगने से एक भालू और उसके शावक की मौत होने का मामला सामने आया था.
मादा भालू और उसके बच्चे की हुई थी मौत: बताया गया कि 6 साल की मादा भालू और उसके 11 महीने के बच्चे को सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट परिसर में लगे ट्रांसफार्मर से करंट लगा था, जिससे उनकी मौत हो गई. घटना सामने आने के बाद फौरन वन विभाग के अधिकारियों ने प्रकरण पर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से जुड़े अधिकारियों की भूमिका को लेकर सवाल भी खड़े किए थे और मामले में शिकायत भी की थी.
विद्युत लाइनों के लिए एहतियात बरतने को कहा: इस घटना के सामने आने के बाद वन मुख्यालय के स्तर पर दिशा-निर्देश जारी करते हुए पूरे प्रदेश में विद्युत लाइनों के लिए अधिकारियों को विशेष एहतियात बरतने के लिए कहा गया है. दिए गए निर्देशों के अनुसार अधिकारियों को विद्युत लाइन के आसपास के क्षेत्र का हर महीने निरीक्षण करने और क्षतिग्रस्त लाइनें को विद्युत विभाग के अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए ठीक करवाने के लिए कहा गया है.