छत्तीसगढ़ में घुटनों पर लाल आतंक, सुकमा में पांच नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण - NAXALITES SURRENDER
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में लाल आतंक का सफाया होने लगा है. शनिवार को सुकमा में पांच नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है. सरेंडर करने वाले नक्सली कई नक्सल वारदातों में शामिल रहे हैं. बीते कल ही बीजापुर तेलंगाना बॉर्डर पर सुरक्षाबलों ने सेक्सन बी कमांडर बामन मड़काम को मुठभेड़ के दौरान मार गिराया था.
सुकमा नक्सलियों ने किया सरेंडर (ETV Bharat Chhattisgarh)
सुकमा : छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में शनिवार को 5 नक्सलियों ने सरेंडर किया है. पांचों नक्सली सरकार के पुनर्वास नीति से प्रभावित हुए और उन्होंने पुलिस व सीआरपीएफ कर्मियों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया. इनमें से एक दुलेद क्रांतिकारी पार्टी समिति का सदस्य था.
पांच नक्सलियों ने किया सरेंडर : पुलिस के मुताबिक, आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में तेलम हुंगा प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) की दुलेद क्रांतिकारी पार्टी समिति (आरपीसी) के तहत चेतना नाट्य मंडली (सीएनएम) का उपाध्यक्ष था, जबकि अन्य चार निचले स्तर के नक्सली हैं. इन कैडरों को सड़कें खोदने, सड़कों को अवरुद्ध करने के लिए पेड़ गिराने और नक्सलियों द्वारा बुलाए गए बंद के दौरान पोस्टर और बैनर लगाने का काम सौंपा गया था.
माओवादी विचारधारा से किया तौबा :पुलिस अधिकारी के मुताबिक, सरेंडर करवने वाले नक्सलियों ने अमानवीय और खोखली माओवादी विचारधारा की निंदा की. साथ ही राज्य सरकार की नक्सलवाद उन्मूलन नीति के साथ-साथ सुकमा पुलिस के पुनर्वास अभियान 'पुना नार्कोम' (गोंडी भाषा में 'नई सुबह') की सराहना की है. शनिवार को सरेंडर करने वाले पांचों नक्सली को राज्य सरकार की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति के अनुसार लाभ मिलेगा.
पुनर्वास अभियान से जुड़ रहे नक्सली :छत्तीसगढ़ शासन द्वारा संचालित नक्सल उन्मूलन नीति के तहत पुनर्वास अभियान 'पूना नार्कोम अभियान' और 'नियद नेल्लानार' योजना चलाई जा रही है. इन अभियानों और योजनाओं का असर अब जमीन पर दिख रहा है. नक्सली अब लाल आंतक का दामन छोड़कर शांति के साथ मुख्य धारा से जुड़ रहे हैं.