कोरिया: कोरिया के सोनहत रेंज में बाघ का शव मिला. टाइगर की डेड बॉडी कोटाडोल मार्ग पर मिली. इसके बाद से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया. बाघ का शव मिलने के बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और उसके आस पास के इलाके की जांच की गई. वन विभाग की टीम ने इस सर्च ऑपरेशन के लिए खोजी कुत्तों की टीम का भी सहारा लिया. उसके बावजूद भी कोई सफलता हाथ नहीं मिल पाई. इस घटना में बाघ की मौत को लेकर वन विभाग की तरफ से यह आशंका जताई जा रही है कि बाघ को जहर देकर मारा गया हो. जहर की बात की अभी पुष्टि नहीं हो पाई है.
बाघ का कराया गया पोस्टमार्टम: पशु विभाग की टीम मौके पर पहुंची और बाघ के शव का पोस्टमार्टम कराया गया. चार सदस्यीय पशु चिकित्सकों की टीम घटनास्थल पर पहुंची और बाघ का पोस्टमार्टम किया गया. वन विभाग की टीम का कहना है कि मौत के वास्तविक कारण का पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही चलेगा. गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान और कोरिया वनमण्डल की सीमा क्षेत्र में शुक्रवार को ही बाघ मृत अवस्था में पाया गया था.
कहां मिला था बाघ का शव ? : लोधार नदी के समीप खनखोपर नाले में बाघ को देखा गया, जिससे पूरे इलाके में हड़कंप मच गया. मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्य वन संरक्षक वी मातेश्वरन ने खुद घटनास्थल का दौरा किया और इलाके में तलाशी अभियान चलाया. पूरी रात खोजबीन के बाद भी किसी प्रकार का सुराग हाथ नहीं लगा. शनिवार दोपहर में बाघ का पोस्टमार्टम कर उसका अंतिम संस्कार किया गया
शुक्रवार को गांववालों ने सूचना दी थी कि नदी किनारे एक टाइगर का शव मिला है. उसके बाद हम पूरी टीम के साथ पहुंचे. हमने सघन सर्चिंग अभियान चलाया. इसमें खोजी कुत्तों की भी मदद ली गई. हम इस इलाके में ज्वाइंट सर्वे कर रहे हैं कि यह टाइगर कहां से आया है. हम बाघ की मौत कैसे हुई उसका भी पता लगा रहे हैं: वी मातेश्वरन, मुख्य वन संरक्षक
शनिवार को बाघ का किया गया अंतिम संस्कार: शनिवार को बाघ का अंतिम संस्कार किया गया. जिस सीमा में बाघ का शव मिला वह गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान की सीमा के नजीदक आता है. वन विभाग जांच कर रही है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद इस केस में और खुलासा हो सकेगा. इस घटना के बाद पूरा वन विभाग सतर्क है. पूरे प्रदेश में वन्य जीवों की सुरक्षा को लेकर निर्देश दिए गए हैं.