नागपुर:महाराष्ट्र में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) के संदिग्ध और पुष्ट मामलों की संख्या 207 हो गई है. खबर नागपुर से है जहां इस संदिग्ध बीमारी से एक मरीज की मौत हो गई. जिले में जीबीएस से किसी मरीज के मौत का यह पहला मामला है.
खबर के मुताबिक, नागपुर के पारडी इलाके के एक 45 साल के एक व्यक्ति को जीबीएस संक्रमण के कारण सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था. रिपोर्ट के मुताबिक, मरीज के दोनों हाथ और पैर और चेहरे में लकवा मार गया था.
अस्पताल में भर्ती होने के बाद मरीज को वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था. अस्पताल के आधिकारिक सूत्र ने बताया कि मरीज को उच्च रक्तचाप की भी समस्या थी. डॉक्टरों ने जीबीएस के लिए पॉजिटिव पाए गए मरीज के बारे में जानकारी दी. 11 फरवरी को अस्पताल में भर्ती होने के बाद से उसकी हालत गंभीर थी और शुक्रवार शाम को उसकी हालत अचानक बिगड़ गई.
एक अधिकारी ने बताया था कि GB सिंड्रोम के सबसे ज्यादा मामले नांदेड़ के पास स्थित एक हाउसिंग सोसाइटी से सामने आए हैं. यहां पानी का सैंपल लिया गया था, जिसमें कैंपिलोबैक्टर जेजुनी पॉजिटिव पाया गया. यह पानी में पाया जाने वाला एक बैक्टीरिया है.
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) ने भी पुष्टि की है कि नांदेड़ और उसके आसपास के इलाकों में GB सिंड्रोम का प्रकोप प्रदूषित पानी के कारण फैला है. पुणे नगर निगम ने नांदेड़ और आसपास के इलाके में 11 निजी आरओ सहित 30 प्लांट को सील कर दिया है.
जीबीएस एक दुर्लभ स्थिति है जिसमें व्यक्ति की इम्यून सिस्टम पेरिफेरल नर्व पर हमला करती है, जिसके परिणामस्वरूप मांसपेशियों में कमजोरी आ जाती है. साथ ही शरीर के अंग सुन्न पड़ जाते हैं और निगलने या सांस लेने में समस्या होती है.
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