दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

फिजी हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत का विशेष साझेदार है: विदेश मंत्रालय - President Murmu Fiji visit

Fiji remains India's very special partner: नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय के सचिव (पूर्व) जयदीप मजूमदार ने राष्ट्रपति मुर्मू की फिजी यात्रा के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति की इस यात्रा से दोनों देशों के संबंध और मजबूत हुए हैं. पढ़ें इटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता चंद्रकला चौधरी की रिपोर्ट...

President Droupadi Murmu
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (ANI)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 7, 2024, 7:09 AM IST

नई दिल्ली: विदेश मंत्रालय के सचिव (पूर्व) जयदीप मजूमदार ने कहा कि फिजी भारत-प्रशांत क्षेत्र में भारत का विशेष साझेदार बना हुआ है. उन्होंने राष्ट्रपति दौपदी मुर्मू की फिजी यात्रा के बारे में नई दिल्ली में मीडिया को जानकारी दी.

जयदीप मजूमदार ने मंगलवार को यहां विशेष मीडिया ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए कहा कि भारत और फिजी के बीच बहुत ही विशेष और स्थायी संबंध हैं. ये लगभग डेढ़ शताब्दी पुराने हैं. भारत और फिजी एक-दूसरे के साथ अपने संबंधों को मजबूत कर रहे हैं. भारत का प्रयास रहा है कि प्रशांत क्षेत्र के साथ प्रशांत द्वीप समूह सहयोग के लिए कार्योन्मुख मंच या एफआईपीआईसी (FIPIC) के तहत द्विपक्षीय रूप से अपने संबंधों को सुदृढ़ करें. फिजी हिंद-प्रशांत क्षेत्र में हमारा विशेष साझेदार बना हुआ है.

उन्होंने कहा कि यदि आपको याद हो तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने फिजी के सुवा में प्रथम एफआईपीआईसी शिखर सम्मेलन का उद्घाटन किया था. इस संदर्भ में राष्ट्रपति की यात्रा का बहुत महत्व है. यह निश्चित रूप से एक नया अध्याय है. क्योंकि हम पिछले कई वर्षों के दौरान हमारे दोनों देशों के बीच उच्च स्तरीय संपर्कों के बढ़ते स्तर से उत्पन्न मजबूत गति को और बढ़ावा देते हैं. यह फिजी में भारत की राजनयिक उपस्थिति के 75 वर्ष भी हैं.

उन्होंने कहा कि इस यात्रा का एक महत्वपूर्ण परिणाम भारत सरकार की अनुदान सहायता परियोजनाओं के रूप में सुवा में स्थापित किए जाने वाले 100 बिस्तरों वाले सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के लिए परियोजना स्थल का औपचारिक आवंटन था. इसकी घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 2023 में तीसरे एफआईपीआईसी शिखर सम्मेलन में की थी.

मजूमदार ने कहा कि हमें विश्वास है कि सार्वजनिक भलाई के लिए यह महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा न केवल फिजी में बल्कि पूरे प्रशांत क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण और किफायती स्वास्थ्य देखभाल की उपलब्धता में एक आदर्श परिवर्तन लाएगा. इस यात्रा का एक अन्य महत्वपूर्ण परिणाम फिजी सरकार द्वारा हमारे उच्चायोग परिसर और सुवा में भारतीय सांस्कृतिक केंद्र के निर्माण के लिए भूमि का आवंटन था.

राष्ट्रपति की फिजी यात्रा का ब्यौरा देते हुए मजूमदार ने कहा, 'राष्ट्रपति मुर्मू मंगलवार सुबह नाडी से सुवा पहुंचीं और आगमन पर उन्हें फिजी सैन्य पुलिस द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. इसके बाद पारंपरिक स्वागत किया गया, जिसमें प्रधानमंत्री भी शामिल हुए. स्टेट हाउस में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने फिजी के राष्ट्रपति रातू विलियम मैवलिली काटोनिवेरे से मुलाकात कीं. साथ में उन्होंने स्टेट हाउस की सौर ऊर्जा परियोजना को देखा. इसे भारत ने हमारी विकास साझेदारी के हिस्से के रूप में पूरा किया था. यह परियोजना जलवायु कार्रवाई और जलवायु न्याय के लिए भारत की मजबूत प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है.

फिजी के प्रधानमंत्री सीटिवेनी राबुका ने भी अपने कई मंत्रिमंडलीय सहयोगियों के साथ राष्ट्रपति मुर्मू से मुलाकात की और उन्होंने व्यापक चर्चा की. इसमें उन्होंने आपसी विश्वास और दोनों देशों के लोगों की प्रगति और समृद्धि के लिए हमारे द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने की दिशा में मजबूत प्रतिबद्धता की पुष्टि की. फिजी के राष्ट्रपति ने राष्ट्रपति मुर्मू को ऑर्डर ऑफ फिजी से भी सम्मानित किया. इसकी राष्ट्रपति और उनके प्रतिनिधिमंडल ने गहरी सराहना की.

बाद में उन्होंने फिजी की संसद को ऐतिहासिक संबोधन दिया और संसद सदस्यों के साथ बातचीत की. इससे हमारे दोनों देशों के बीच मजबूत लोकतांत्रिक संबंधों की पुष्टि हुई. उन्होंने इससे पहले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी तथा सुवा में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर भी पुष्पांजलि अर्पित कीं.

इससे पहले दोपहर में प्रधान मंत्री ने भारतीय राष्ट्रपति और उनके प्रतिनिधिमंडल के लिए दोपहर के भोजन का आयोजन किया. इसके बाद एक सामुदायिक बातचीत भी आयोजित की गई जहां राष्ट्रपति मुर्मू ने फिजी में भारतीय मूल लोगों को संबोधित किया और गिरमिटिया समुदाय के योगदान की सराहना की. फिजी के विकास और उन्नति में उनके अपार योगदान को मान्यता दी और दोनों देशों के बीच संबंधों को भी बढ़ावा दिया.

सचिव (पूर्व) ने कहा कि हमारे घनिष्ठ और दीर्घकालिक द्विपक्षीय संबंधों का एक बड़ा हिस्सा लोगों के बीच आपसी संपर्क पर आधारित है. फिजी की लगभग एक तिहाई आबादी की जड़ें भारत में हैं जबकि उन्होंने अपनी संस्कृति, परंपराओं और भाषा को बरकरार रखा है.

ये भी पढ़ें- हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत का रणनीतिक विस्तार: राष्ट्रपति मुर्मू फिजी, न्यूजीलैंड, तिमोर-लेस्ते का दौरा करेंगी

ABOUT THE AUTHOR

...view details