नई दिल्ली/नोएडा :नोएडा के सेक्टर 95 स्थित दलित प्रेरणा केंद्र पर उसे समय अचानक हड़कंप मच गया, जब भारी संख्या में पहुंचे पुलिस बल ने दलित प्रेरणा स्थल पर धरना दे रहे किसानों को जबरन उठा कर हिरासत ले लिया और बसों में बसों में भरकर गिरफ्तार कर लुक्सर जेल भेज दिया . इस दौरान पुलिस और किसानों के बीच धक्का मुक्की भी हुई. भारतीय किसान यूनियन के नेता पवन खटाना का कहना है कि पुलिस प्रशासन किसानों पर दबाव डालकर समझौता करने में लगा है, ऐसे दबाव में हम वार्ता नहीं करेंगे, पुलिस प्रशासन बल पूर्वक धरने को समाप्त करने में लगा है. पुलिस प्रशासन का कहना है कि शहर में बीएनएस की धारा 163 लगी हुई है (पूर्व की धारा 144) जिसके उल्लंधन पर किसानों को गिरफ्तार किया गया.
धरने को बल पूर्वक समाप्त करने का पुलिस प्रशासन पर आरोप :संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले नोएडा के दलित प्रेरणा स्थल पर धरना दे रहे किसानों ने बताया कि प्रशासन की तरफ से हमारे लोगों को परेशान किया जा रहा है, जबकि हम शांतिपूर्ण तरीके से दलित प्रेरणा स्थल पर धरने पर बैठे हैं. किसान नेता सुखबीर खलीफा ने ईटीवी भारत से कहा कि प्रशासन हमें भले ही आतंकवादी मान रहा हो पर हम अपनी जायज मांगों को लेकर सड़कों पर उतरे हैं. प्रशासन के आश्वासन के बाद हम शांतिपूर्ण तरीके से जहां धरना दे रहे हैं. वहीं अब प्रशासन हमें दबाने के लिए अलग-अलग तरीके अपना रहा है. किसान नेता पवन खटाना ने बताया कि हम अपनी जायज मांगों को प्राधिकरण के सामने कई बार रख चुके है, पर हर बार हमें झूठे आश्वासन मिले हैं, पर इस बार हम पीछे हटने वाले नहीं हैं. पुरूषों के साथ ही बुजुर्ग महिलाएं भी धरना दे रही हैं.
मांगे पूरी नहीं होने पर संसद भवन का करेंगे घेराव:संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में दिल्ली कूच कर रहे किसानों को एक सप्ताह का आश्वासन मिला है. एक सप्ताह में मुख्य सचिव से वार्ता करने का आश्वासन दिया गया है .जिसके बाद से दलित प्रेरणा स्थल पर किसानों का धरना जारी है. एक सप्ताह में मांगे पूरी नहीं किए जाने पर किसान दोबारा चिल्ला बॉर्डर से दिल्ली संसद भवन का घेराव करने के लिए तैयार हैं.
अनिश्चितकालीन धरने पर रहेंगे किसान :दलित प्रेरणा स्थल पर धरना दे रहे किसानों ने यह भी आरोप लगाया कि नोएडा प्राधिकरण द्वारा रात में किसी प्रकार की कोई सुविधा नहीं दी गई, जिसके चलते पुरुषों से अधिक महिलाओं को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. यहां शौचालय में पानी नहीं है और वैकल्पिक शौचालय की कोई व्यवस्था नहीं की गई. साथ ही पीने के पानी तक की व्यवस्था नहीं थी, जबकि प्राधिकरण के अधिकारियों ने व्यवस्था दिए जाने की बात कही थी.
पुलिस और प्रशासन ने किए सख्त इंतजाम :किसानों के दिल्ली कूच को देखते हुए पुलिस और प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम किए थे. किसानों को दलित प्रेरणा स्थल से आगे नहीं जाने दिया गया. पुलिस ने वहां पर बैरिकेडिंग कर रखी थी. जिसके चलते किसानों को वहीं पर रोक दिया गया. इसके बाद से किसान दलित प्रेरणा स्थल पर ही अपना धरना जारी रखा है.
किसानों को धरना स्थल पर पहुंचने नहीं दे रहा प्रशासन :किसान नेताओं ने यह आरोप लगाया कि जो किसान अपने घरों से निकल कर धरना स्थल पहुंचना चाह रहे हैं, लेकिन उन्हें पुलिस प्रशासन जगह-जगह पर रोक रहा है. साथ ही कुछ किसानों को नजर बंद भी काम किया गया है. जिसका हम पूरी तरह से विरोध करते हैं, किसान नेता सुखबीर खलीफा और पवन खटाना ने बताया कि हम हर स्तर पर वार्ता करने को तैयार हैं, पर प्रशासन वार्ता के नाम पर सिर्फ हमें गुमराह करने का काम कर रहा है. 5 दिनों का समय हमसे मांगा गया और हम शांतिपूर्ण तरीके से धरने पर बैठ गए, पर इन दिनों में भी वार्ता किसी नतीजे पर पहुंचेगी यह कह पाना मुश्किल है.
मांगे पूरी होने बिना नहीं हटेंगे पीछे :संयुक्त किसान मोर्चा के नेता सुखबीर खलीफा और पवन खटाना ने बताया कि हमारी मांग सिर्फ 10% प्लॉट की है, इसके साथ ही अन्य मांगे भी हमारी बहुत बड़ी नहीं है, पर इस मांग को लेकर अब तक सैकड़ों बार धरना प्रदर्शन नोएडा और ग्रेटर नोएडा में किया गया, शासन ,प्रशासन, प्राधिकरण किसी के कान पर जू तक नहीं रेग रहा. हर बार इनके द्वारा आश्वासन दिया गया, पर मांगे पूरी नहीं की गई. पर हम इस बार अपनी मांगों को पूरा करा कर ही मानेंगे . भले ही हमें प्रशासन जेल में डाल दे, पर हम अब पीछे हटने वाले नहीं है.