नई दिल्ली: कांग्रेस ने असम में लोगों के मुद्दों को उठाने के लिए राज्यव्यापी अभियान शुरू किया है. पूर्वोत्तर राज्य में विधानसभा चुनाव 2026 में होंगे, जिसमें सबसे पुरानी पार्टी 2016 से सत्ता में काबिज भाजपा को हराने के लिए दृढ़ संकल्पित है. आगामी चुनाव में बीजेपी को शिकस्त देने के लिए कांग्रेस ने डोर-टू-डोर अभियान चलाने का फैसला किया है.
चुनाव अभियान के दौरान पार्टी नेता मतदाताओं की रोजमर्रा की चिंताओं को सामने लाएंगे और साथ ही उन्हें भगवा पार्टी के अधूरे वादों की याद दिलाएंगे. यह अभियान डिब्रूगढ़ के तिनसुकिया से शुरू किया गया है और इसका नेतृत्व राज्य यूनिट के प्रमुख भूपेन कुमार बोरा कर रहे हैं.इसके साथ ही कांग्रेस ब्लॉक स्तर पर संगठन को नया स्वरूप देने पर ध्यान केंद्रित कर रही है और स्थानीय समर्थन जुटाने के लिए 'संविधान बचाओ' कर रही है.
इस संबंध में असम के प्रभारी एआईसीसी सचिव मनोज चौहान ने ईटीवी भारत को बताया, "लोग संकट में हैं. युवाओं में बढ़ती बेरोजगारी के साथ-साथ नशीली दवाओं का खतरा स्थानीय लोगों के लिए एक बड़ी चिंता का विषय है. साथ ही कानून और व्यवस्था का मुद्दा भी है. लोगों के सामने एक और समस्या नए स्मार्ट मीटर की है, जिसके कारण बिजली का बिल बढ़ गया है."
'गठबंधन पर आलाकमान लेगा फैसला'
पिछले कुछ महीनों से पूर्वोत्तर राज्य का दौरा कर रहे एआईसीसी पदाधिकारी ने कहा कि हालांकि भाजपा को हराने के लिए समान विचारधारा वाली अन्य पार्टियों के साथ गठबंधन बनाने का महत्वपूर्ण मुद्दा आलाकमान द्वारा लिया जाएगा.
2026 के विधानसभा चुनावों पर केंद्रित है अभियान
चौहान ने कहा, "हमारा अभियान स्पष्ट रूप से 2026 के विधानसभा चुनावों पर केंद्रित है, जिसमें कांग्रेस सत्ता में वापस आएगी. जब आप स्थानीय लोगों से मिलते हैं, तो आप उनकी हताशा को महसूस करते हैं. भाजपा विकास के बहुत सारे दावे कर रही है, लेकिन सच्चाई इससे अलग है."