हजारीबाग: नीट प्रश्न पत्र लीक मामले में सीबीआई चार दिनों से हजारीबाग में जांच कर रही है. पिछले 50 घंटे से ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल एहसान उल हक को सीबीआई की टीम ने अपने कस्टडी में रखा है. बुधवार की शाम 5:00 बजे सीबीआई ने प्रिंसिपल को अपने कस्टडी में ले लिया था. बीते गुरुवार को दिन भर सीबीआई की टीम शहर के विभिन्न इलाकों में पूछताछ की और साक्ष्य की तलाश करती रही. इसी बीच ईटीवी भारत संवाददाता ने उस ई-रिक्शा चालक से बात की, जिसका जिक्र प्रश्नपत्र पहुंचाने में आ रहा है. इस दौरान चालक ने बताया कि वह काफी सहमा हुआ है.
ईटीवी भारत की टीम ने ई-रिक्शा चालक से की बात
मामले में ईटीवी भारत की टीम ने संबंधित ई-रिक्शा चालक से बात की जिसका जिक्र इस प्रकरण में हो रहा है. ई-रिक्शा चालक ने बताया कि उसका नाम मनोज है और वह ओरिया का रहने वाला है. उसके पिता का नाम मुंशी चांद है. ई-रिक्शा चालक ने बताया कि उसे नूतननगर से बुक किया गया था. प्रश्न पत्र पहुंचाने के लिए 170 रुपये का भुगतान उसे किया गया था.
ई-रिक्शा चालक ने प्रश्न पत्र लोड कर बैंक पहुंचाया था
चालक का कहना है कि उसने नूतन नगर से प्रश्न पत्र अपनी ई-रिक्शा पर लोड कर बैंक पहुंचाया था. उस दौरान ब्लू डार्ट का एक कर्मी ई-रिक्शा पर बैठा था और दो लोग बाइक से गए थे. क्योंकि प्रश्न पत्र उतारने के दौरान उसके गाड़ी का नंबर सीसीटीवी में कैद हो गया. ऐसे में हजारीबाग डीटीओ ऑफिस की मदद से उसका नंबर सीबीआई के हाथ लग गया. डीटीओ कार्यालय से ही उसे फोन गया और उससे गहन पूछताछ की गई. जब उसकी संलिप्तता नजर नहीं आई तो सीबीआई ने ई-रिक्शा चालक को छोड़ दिया.
पूछताछ के बाद सहमा हुआ है ई-रिक्शा चालक
सीबीआई ने कुछ इस कदर ई-रिक्शा चालक से पूछताछ की है कि वह काफी डरा-सहमा है. वह कैमरे के सामने कुछ भी कहने को तैयार नहीं है. यहां तक कि उसने खुद को अपने घर में ही बंद रखा है और अपनी ई-रिक्शा भी नहीं चला रहा है. ई-रिक्शा चालक ने कहा कि उसे हिदायत दी गई है कि कोई भी बात किसी से साझा न करें.
गेस्ट हाउस में चल रही है पूछताछ