नई दिल्ली: ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने मंगलवार को लोकसभा में सांसद के तौर पर शपथ ली. शपथ लेने के बाद ओवैसी ने युद्ध प्रभावित फिलिस्तीन के प्रति एकजुटता जताई और 'जय तेलंगाना' और'जय फिलिस्तीन' का नारा लगाया, जिसकी आलोचना हो रही है.
आलोचनाओं के बीच ओवैसी ने अपनी टिप्पणी का बचाव करते हुए कहा कि संसद में उनके शब्दों को लेकर 'खोखली धमकियां' उन्हें डरा नहीं पाएंगी. उन्होंने कहा, "उन्हें जो करना है करने दीजिए. मैं भी संविधान के बारे में थोड़ा-बहुत जानता हूं. ये खोखली धमकियां मुझ पर काम नहीं करेंगी."
जय फिलिस्तीन नारे का बचाव
इससे पहले ओवैसी ने संसद में ‘जय फिलिस्तीन’ के नारे का बचाव करते हुए कहा था कि भारत के संविधान में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जो कहता हो कि उनकी टिप्पणी निंदनीय है. उन्होंने यह बयान उस समय दिया जब कई राजनीतिक नेताओं ने सुझाव दिया कि उनकी टिप्पणी के लिए उन्हें संसद से अयोग्य घोषित कर दिया जाना चाहिए.
सांसद के तौर पर शपथ लेने के बाद ओवैसी ने एएनआई से कहा,"हर कोई कुछ न कुछ बात कह रहा था... मैंने अभी-अभी 'जय भीम, जय मीम, जय तेलंगाना, जय फिलिस्तीन' कहा... यह कैसे संविधान के खिलाफ है, संविधान में प्रावधान दिखाएं." 'जय फिलिस्तीन' कहने का कारण पूछे जाने पर ओवैसी ने कहा, "वहां की आवाम महरूम है. महात्मा गांधी ने फिलिस्तीन के बारे में बहुत सी बातें कही हैं और कोई भी उन्हें सकता है."