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Watch : कश्मीर में ECI टीम, राजनीतिक दलों ने की विधानसभा चुनाव की मांग - ECI team in Kashmir

ECI team in Kashmir : मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार की अध्यक्षता में भारतीय चुनाव आयोग की टीम ने जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा की.

ECI team in Kashmir
कश्मीर में ECI टीम

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Mar 12, 2024, 5:32 PM IST

राजनीतिक दलों से बातचीत

श्रीनगर:संसदीय चुनावों से पहले भारत के चुनाव आयोग ने मंगलवार को स्थानीय राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की, जिन्होंने जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने की मांग की थी.

ECI की 11 सदस्यीय टीम का नेतृत्व मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार कर रहे हैं. टीम ने कश्मीर के दस जिलों के जिला निर्वाचन अधिकारियों और एसएसपी से मुलाकात की. वहीं, राजनीतिक दलों ने निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव की मांग की, जबकि पुलिस और नागरिक प्रशासन के अधिकारियों ने सुरक्षा और अन्य व्यवस्थाओं की समीक्षा की.

हैरानी की बात यह है कि आमंत्रण के बावजूद पैंथर्स पार्टी के प्रतिनिधिमंडल को ईसीआई से मिलने की अनुमति नहीं दी गई. पीपी अध्यक्ष हर्षदेव सिंह ने ईसीआई और जेके प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि 'ईसीआई भाजपा के आयोग के रूप में काम कर रहा है.'

नेशनल कॉन्फ्रेंस की वरिष्ठ नेता सकीना इटू ने ईटीवी भारत को बताया कि उन्होंने आयोग से संसदीय चुनावों के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने की मांग की. सकीना के अलावा, एनसी प्रांतीय अध्यक्ष नासिर असलम वानी ने भी ईसीआई प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की.

पीडीपी प्रवक्ता सुहैल बुखारी ने कहा कि उन्होंने सर्विस वोटर्स का मुद्दा आयोग के सामने उठाया है. उन्होंने कहा कि आयोग को जम्मू-कश्मीर में सर्विस वोटरों की संख्या स्पष्ट करनी चाहिए. पीडीपी प्रतिनिधिमंडल में महासचिव गुलाम नबी हंजुरा और पूर्व मंत्री आसिया नकाश शामिल थे.

बीजेपी प्रवक्ता आरएस पठानिया ने कहा कि उन्होंने आयोग के सामने कश्मीरी पंडित मुहाजिर मतदाताओं की परेशानी मुक्त मतदान और विधानसभा चुनाव की मांग रखी है. कांग्रेस नेता गुलाम नबनी मोंगा ने भी कहा कि उन्होंने चुनाव आयोग से यूटी में विधानसभा चुनाव कराने का आग्रह किया है.

2014 में जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव हुए, जिसके बाद पीडीपी और बीजेपी ने गठबंधन सरकार बनाई, लेकिन 8 जून 2018 को सरकार अचानक गिर गई जब बीजेपी ने पीडीपी से अपना समर्थन वापस ले लिया.

2018 से यहां राष्ट्रपति शासन लागू है, जबकि 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद केंद्र सरकार ने राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया था. तब से राष्ट्रपति के प्रतिनिधि उपराज्यपाल यहां का प्रशासन चला रहे हैं.

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